त्रिपोलिया गेट पर होली का अनोखा नजारा
जयपुर के ऐतिहासिक त्रिपोलिया गेट पर हर साल की तरह इस बार भी भव्य होली समारोह आयोजित किया गया। चारों ओर रंगों की बारिश हो रही थी, लोग झूमते-गाते नजर आए। डीजे की धुनों पर युवाओं ने जबरदस्त डांस किया, वहीं परिवारों और बच्चों ने गुलाल उड़ाकर खुशियों का इजहार किया।

विदेशी पर्यटकों ने भी मनाई रंगों की होली
इस उत्सव में न केवल भारतीय बल्कि विदेशी मेहमान भी शामिल हुए। कई देशों से आए पर्यटकों ने भारत की इस अनोखी परंपरा का आनंद लिया और गुलाल खेलते नजर आए। विदेशी मेहमानों ने कहा कि “भारत की होली विश्वभर में प्रसिद्ध है और इसे देखने और खेलने का अनुभव अविस्मरणीय है।”
ताड़केश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना
त्रिपोलिया गेट के पास स्थित प्राचीन ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने विशेष पूजा की। भगवान शिव की आराधना के बाद भक्तों ने रंगों से होली खेली और भजन-कीर्तन किए। मंदिर प्रांगण में भांग और ठंडाई की भी विशेष व्यवस्था की गई थी, जिससे श्रद्धालु और पर्यटक ताजगी महसूस कर रहे थे।
गुलाल गोटा और नोटों की बारिश बनी आकर्षण का केंद्र
जयपुर की होली में इस बार गुलाल गोटा (रंग से भरे हुए छोटे-छोटे गोले) का विशेष आकर्षण देखने को मिला। लोग एक-दूसरे पर गुलाल गोटे फेंकते नजर आए। इसके साथ ही नकली नोटों की बारिश ने भी भीड़ को आकर्षित किया। होली खेलने वाले लोग हंसते-गाते हुए गुलाल और नोटों की वर्षा में झूमते नजर आए।
पुलिस की सख्ती और ट्रैफिक व्यवस्था
भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने कड़ी निगरानी रखी। डीजे साउंड पर भी कुछ जगहों पर प्रतिबंध लगाया गया ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। इसके बावजूद, लोगों ने शांति और प्रेम के साथ रंगों के इस उत्सव का आनंद उठाया।
ठंडाई और केसर बादाम ने बढ़ाई होली की मिठास
होली का आनंद ठंडाई के बिना अधूरा है। इस अवसर पर केसर बादाम वाली ठंडाई की जमकर बिक्री हुई। हर जगह ठंडाई के स्टॉल लगे थे, जहां ₹30 प्रति गिलास में लोग स्वादिष्ट ठंडाई का लुत्फ उठा रहे थे।
होली ने मिटाई दूरियां, बना प्रेम और सौहार्द का प्रतीक
होली का यह पर्व न केवल रंगों का उत्सव है, बल्कि यह प्रेम और भाईचारे का संदेश भी देता है। इस मौके पर पुराने गिले-शिकवे भुलाकर लोगों ने एक-दूसरे को रंग लगाया और खुशियां बांटी। यहां तक कि कई दुश्मनों ने भी दोस्ती का हाथ बढ़ाया और गले मिलकर बधाई दी।
निष्कर्ष
जयपुर का त्रिपोलिया गेट हर साल होली के अवसर पर एक रंगीन मेले का रूप ले लेता है। इस साल भी यहां का नजारा अद्भुत और अविस्मरणीय था। रंग, गुलाल, संगीत, ठंडाई और विदेशी मेहमानों की भागीदारी ने इस पर्व को और खास बना दिया। यदि आपने जयपुर की होली का अनुभव नहीं किया है, तो अगली बार जरूर यहां आकर इस रंगीन उत्सव का हिस्सा बनें!
