जयपुर: राजस्थान में आयोजित REET पात्रता परीक्षा के लिए यूपी से आए छात्रों ने बेरोजगारी और राज्य में भर्ती प्रक्रिया को लेकर नाराजगी व्यक्त की। परीक्षा केंद्रों के बाहर छात्रों से बातचीत में यह स्पष्ट हुआ कि उत्तर प्रदेश में वर्षों से सरकारी शिक्षण भर्तियों की कमी के कारण उन्हें अन्य राज्यों में परीक्षा देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

बेरोजगारी की मार और लंबा सफर उत्तर प्रदेश से आए परीक्षार्थियों का कहना है कि राज्य में शिक्षकों की भर्ती कई वर्षों से नहीं हुई है। एक अभ्यर्थी ने कहा, “हमारी उम्र लगभग 40 साल हो गई है। पहले हमें भरोसा था कि बिहार में कुछ अवसर मिल सकते हैं, लेकिन अब वहां भी स्थिति बेहतर नहीं है। मजबूरी में राजस्थान आना पड़ रहा है।”
छात्रों ने सफर के दौरान होने वाली दिक्कतों का भी जिक्र किया। एक छात्र ने बताया, “हम 650 किलोमीटर सफर करके यहां आए हैं, ट्रेनों में भारी भीड़ होती है, ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं मिलती, जिससे मानसिक और शारीरिक तनाव बढ़ जाता है।”
सरकार से सवाल और अपील छात्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार को रोजगार के मुद्दे पर गंभीरता दिखानी चाहिए। उन्होंने योगी आदित्यनाथ सरकार से मांग की कि राज्य में प्राथमिक शिक्षक भर्तियों की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए ताकि युवाओं को दूसरे राज्यों में न जाना पड़े। एक छात्र ने कहा, “सरकार कुम्भ जैसे धार्मिक आयोजनों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन रोजगार के अवसर बढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रही। अगर हमें संविदा पर भी नौकरी दी जाए, तो भी हजारों परिवारों का भला हो सकता है।”
राजस्थान सरकार की पहल और सुविधाएं राजस्थान सरकार की नीतियों की तुलना करते हुए यूपी के छात्रों ने कहा कि यहां कम से कम परीक्षा के लिए मुफ्त बस यात्रा जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। एक अभ्यर्थी ने कहा, “राजस्थान सरकार ने सही कदम उठाए हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को भी परीक्षा देने का अवसर मिल रहा है।”
निष्कर्ष REET परीक्षा में भाग लेने आए यूपी के छात्रों की पीड़ा यह दर्शाती है कि राज्य में रोजगार और भर्तियों की स्थिति कितनी खराब है। बेरोजगारी से जूझ रहे छात्र यह सवाल कर रहे हैं कि कब तक उन्हें दूसरे राज्यों में धक्के खाने पड़ेंगे और कब तक उनकी मेहनत और शिक्षा का सही उपयोग होगा। अब देखना होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है।