Jhalko Rajasthan | बीकानेर
बीकानेर में हुई एक बड़ी लूट की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस सनसनीखेज वारदात में खुलासा हुआ है कि व्यापारी के साथ करोड़ों की लूट किसी और ने नहीं, बल्कि उसका करीबी दोस्त ही कर गया। पुलिस ने जांच के बाद इस वारदात की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया है, जिससे साफ हो गया कि विश्वासघात और लालच का यह मामला कितना संगीन था।

लूट की वारदात: स्कूटी पर जा रहे थे कर्मचारी, रास्ते में हुई छीना-झपटी
घटना बीकानेर के बचवाल थाना क्षेत्र की है, जहां अनाज व्यापारी रामवतार शाश्वत के कर्मचारी ₹1.43 करोड़ की नकदी स्कूटी पर लेकर जा रहे थे। जब वे इंदिरा कॉलोनी के पास भैरू जी मंदिर के पास पहुंचे, तभी एक कार ने उनकी स्कूटी को आगे से रोक लिया। कार से उतरे बदमाशों ने स्कूटी सवार कर्मचारियों से रुपयों से भरा बैग छीना और मौके से फरार हो गए।
मास्टरमाइंड निकला व्यापारी का दोस्त चांद सिंह
इस घटना की तह में जब पुलिस गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। लूट की इस वारदात का मास्टरमाइंड और कोई नहीं बल्कि व्यापारी रामवतार शाश्वत का दोस्त चांद सिंह निकला। पुलिस जांच में सामने आया कि चांद सिंह पहले से ही व्यापारी के साथ संपर्क में था और इस वारदात की पूरी योजना उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर रची थी।
सीओ सदर विशाल जांगिड़ के अनुसार चांद सिंह ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। वह व्यापारी का करीबी दोस्त था और इसी भरोसे का फायदा उठाकर उसने पूरी साजिश को अंजाम तक पहुंचाया।
पुलिस ने किया खुलासा: नंबर प्लेट बदली गई, CCTV से पकड़ा सुराग
पुलिस की टीम ने जब जांच शुरू की तो करीब 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। लूट के दौरान इस्तेमाल की गई कार को भी ट्रैक किया गया। कार की नंबर प्लेट बदली गई थी ताकि पहचान न हो सके। पुलिस की SIT टीम ने लगातार पीछा करते हुए श्रीगंगानगर और चूरू तक सर्च ऑपरेशन चलाया।
इस ऑपरेशन में यह भी सामने आया कि चांद सिंह ने कार अपने दोस्त अतुल उर्फ मोंटी से एक पारिवारिक कार्यक्रम के नाम पर मांगी थी। बाद में उसी कार का इस्तेमाल लूट में किया गया।
दो अन्य आरोपी भी गिरफ्तार: मोंटी और अभिषेक ने दी चांद सिंह को मदद
इस लूट में चांद सिंह के साथ दो अन्य साथी शामिल थे — चूरू के घंटोल निवासी असुल उर्फ मोंटी और जसरासर निवासी अभिषेक। तीनों ने मिलकर योजना बनाई, कार में नंबर प्लेट बदली, मोबाइल का उपयोग तक नहीं किया ताकि ट्रेस न हो सकें, और वारदात के तुरंत बाद श्रीगंगानगर भाग गए।
एसआईटी की टीम ने गुप्तचरों की सूचना के आधार पर इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब इनसे और पूछताछ कर रही है, ताकि बाकी बचे पैसे और अन्य साजिशकर्ताओं के बारे में जानकारी मिल सके।
दोस्ती में धोखा: अब किस पर करें भरोसा?
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लालच इंसान को किस हद तक गिरा सकता है। एक व्यापारी ने अपने जिस दोस्त पर भरोसा किया, उसी ने करोड़ों रुपये की लूट की साजिश रच दी।

Jhalko Rajasthan आप सभी से निवेदन करता है कि आप सतर्क रहें, खासकर जब आप व्यापारी हैं या नगद लेन-देन करते हैं। अपनी योजनाओं और यात्राओं की जानकारी सार्वजनिक न करें और जितना हो सके, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर का उपयोग करें।
पुलिस की अपील: कोई भी संदिग्ध जानकारी तुरंत दें
पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को इस घटना से जुड़ी कोई भी जानकारी हो या किसी पर शक हो, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में सूचित करें। इस तरह के मामलों में सहयोग से ही अपराध पर अंकुश लगाया जा सकता है।
निष्कर्ष: सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है
बीकानेर में हुई यह करोड़ों की लूट की घटना एक गहरी सीख भी है। यह हमें याद दिलाती है कि अपराधी हमारे बहुत नजदीक भी हो सकते हैं और विश्वासघात कभी भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम सतर्क रहें और किसी भी व्यक्ति पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
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