जयपुर, झलको राजस्थान: राजस्थान विधानसभा में जल संरक्षण और प्रबंधन प्राधिकरण बिल को लेकर जमकर बहस हुई। कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुडानिया ने इस बिल पर तीखा हमला करते हुए इसे ‘माफियों को पनपाने वाला बिल’ करार दिया। उन्होंने इस बिल के प्रावधानों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बिल आम जनता की भावनाओं के खिलाफ है और भ्रष्टाचार का अड्डा बन सकता है।

बुडानिया का आरोप: ‘यह माफियों का अड्डा बनेगा’
नरेंद्र बुडानिया ने कहा कि सरकार इस बिल के जरिए अधिकारियों को असीमित शक्तियां देने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “यह बिल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा और आम आदमी की समस्याओं को और जटिल बना देगा।” बुडानिया ने यह भी सवाल उठाया कि अगर वसुंधरा राजे सरकार के समय में यह बिल लाया गया था, तो फिर क्यों पास नहीं हुआ?
जल संरक्षण की जगह भ्रष्टाचार की आशंका
बुडानिया ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य जल संरक्षण बताया जा रहा है, लेकिन असल में इसका प्रयोग आम लोगों को परेशान करने के लिए किया जाएगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बड़े उद्योगों पर ध्यान न देकर छोटे किसानों और आम नागरिकों पर सख्ती बरती जा रही है।
रिचार्ज और जल प्रबंधन की अनदेखी
बुडानिया ने रिचार्ज और जल प्रबंधन के मुद्दे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार नरेगा योजना का उपयोग जल रिचार्ज के लिए कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। उन्होंने सुझाव दिया कि घरों में वर्षा जल संचयन के लिए प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
‘कानून से समस्या का समाधान नहीं’
उन्होंने कहा, “कानून बनाने से समस्याओं का समाधान नहीं होता। आज भी कड़े कानूनों के बावजूद बलात्कार और हत्या जैसे अपराध होते हैं। ऐसे में एक और कानून बनाकर जनता का भला नहीं किया जा सकता।” उन्होंने कहा कि यह बिल आम आदमी के लिए समस्या बनेगा और इसे जनमत जानने के लिए जनता के बीच भेजा जाना चाहिए।
निष्कर्ष: जनता के हित में पुनर्विचार की जरूरत
बुडानिया ने इस बिल को जनविरोधी करार देते हुए इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर इस बिल को बिना संशोधन के पास किया गया, तो इसका असर आम जनता और छोटे किसानों पर पड़ेगा।