परिचय: राजस्थान के सीकर जिले की थानेदार बहू मोनिका चौधरी पर एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठ रहे हैं। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मोनिका का आत्मविश्वास और उसके द्वारा किए गए दावे सुर्खियों में हैं। आइए जानते हैं इस पूरे मामले की पूरी कहानी।

मोनिका चौधरी की गिरफ्तारी: राजस्थान पुलिस में एसआई (सब इंस्पेक्टर) के पद पर नियुक्ति पाने वाली मोनिका चौधरी को एसओजी द्वारा गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि मोनिका ने एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर 15 लाख रुपये में खरीदा था। झुंझुनू में ट्रेनिंग के दौरान मोनिका की गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद से वह चर्चा में हैं।
मोनिका का वायरल वीडियो: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में मोनिका अपने आत्मविश्वास से भरे हुए इंटरव्यू में बताती हैं कि उन्होंने घर पर पढ़ाई की और ऑनलाइन क्लास से तैयारी की। वीडियो में मोनिका कहती नजर आती हैं कि पुलिस की वर्दी देखकर ही उन्हें पुलिस में जाने की प्रेरणा मिली।
गिरफ्तारी के बाद मोनिका का बयान: एसओजी द्वारा गिरफ्तारी के बाद मोनिका का बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा कि उनका चयन मेरिट के आधार पर हुआ था और उन्होंने कोई गलत कार्य नहीं किया है। हालांकि, एसओजी द्वारा की गई जांच में मोनिका की हिंदी और सामान्य ज्ञान के स्तर पर भी सवाल उठाए गए।
पेपर लीक का पूरा मामला: जानकारी के अनुसार, मोनिका और उनके साथियों ने ब्लूटूथ के माध्यम से नकल कर परीक्षा पास की थी। हिंदी में 200 में से 184 अंक और सामान्य ज्ञान में 200 में से 161 अंक लाने वाली मोनिका की हिंदी की कमजोरी ने एसओजी को शक में डाल दिया।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया: मोनिका की गिरफ्तारी के बाद से सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने इसे योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय बताया, तो कुछ ने इसे भ्रष्टाचार की एक बड़ी मिसाल के रूप में देखा।
परिवार का समर्थन: मोनिका का कहना है कि उनके परिवार ने हमेशा उनका समर्थन किया और शादी के बाद भी उनके ससुराल वालों ने उन्हें बेटी की तरह समझा। उन्होंने दावा किया कि उनके घर का माहौल पढ़ाई के लिए बहुत अनुकूल था।
भविष्य की राह: मोनिका की गिरफ्तारी के बाद उनके भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं। एसओजी की जांच जारी है और इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है।
निष्कर्ष: इस पूरे प्रकरण ने राजस्थान पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। योग्य उम्मीदवारों के हक पर इस तरह के घोटाले भारी पड़ते हैं और यह न्याय व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल है।
