किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे और जगमोहन मीणा की हार पर शंकरलाल शर्मा की बड़ी प्रतिक्रिया
राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। वहीं, कांग्रेस के उम्मीदवार जगमोहन मीणा की हार भी चर्चा का विषय बनी हुई है। इन दोनों मुद्दों पर बीजेपी नेता शंकरलाल शर्मा ने अपनी बेबाक राय दी है।
क्यों दिया किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा?
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने अपने इस्तीफे के पीछे कई कारण गिनाए हैं। उनका कहना है कि अपनों ने ही उनके खिलाफ साजिश रची, जिसकी वजह से वे हार गए। उन्होंने इस हार के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार डीसी बेरवा और सचिन पायलट को जिम्मेदार ठहराया है।

क्या बीजेपी में फूट पड़ी है?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा बीजेपी के भीतर चल रही अंदरूनी राजनीति का संकेत हो सकता है। चुनावी नतीजों के बाद उन्होंने कई बार इशारों में कहा कि उनके अपने ही लोगों ने उनके खिलाफ काम किया।
जगमोहन मीणा की हार पर क्या बोले शंकरलाल शर्मा?
बीजेपी नेता शंकरलाल शर्मा ने जगमोहन मीणा की हार को कांग्रेस की कमजोर रणनीति का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सिर्फ सचिन पायलट ही एक मजबूत नेता हैं, बाकी पार्टी का नेतृत्व कमजोर है।
क्या सचिन पायलट हार की वजह बने?
शंकरलाल शर्मा ने यह भी कहा कि सचिन पायलट ने जगमोहन मीणा को टिकट दिलाने में मदद की थी, लेकिन कांग्रेस इस सीट को बचाने में नाकाम रही। उन्होंने सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि “पायलट का जादू अब खत्म हो चुका है।”
बीजेपी और कांग्रेस की रणनीतियों में कहां रही कमी?
बीजेपी की रणनीति:
- बीजेपी ने पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ा।
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद प्रचार किया।
- केंद्रीय नेतृत्व ने भी प्रचार में ताकत झोंकी।
कांग्रेस की रणनीति:
- कांग्रेस का प्रचार अभियान उतना मजबूत नहीं था।
- जातीय समीकरणों को सही तरीके से नहीं साधा गया।
- सचिन पायलट के समर्थकों में असमंजस बना रहा।
क्या कहता है राजस्थान का जातीय समीकरण?
राजस्थान की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आए हैं। इस बार भी जातिगत राजनीति का असर साफ दिखा।
- ब्राह्मण, गुर्जर और मीणा वोट बैंक में बदलाव देखने को मिला।
- बसपा और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी समीकरण बिगाड़े।
- सामाजिक समीकरणों के चलते बीजेपी को फायदा हुआ और कांग्रेस को नुकसान।
क्या बीजेपी में कलह की आहट है?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी में अंदरूनी राजनीति तेज हो गई है।
- किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी इसके संकेत दे रही है।
- चुनाव में हार के बाद उन्होंने बीजेपी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं।
- उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में मेरी नहीं चल रही, सबकुछ सीएम के हाथ में है।
अब आगे क्या होगा?
राजस्थान की राजनीति में ये घटनाक्रम भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों को प्रभावित कर सकते हैं।
- क्या किरोड़ी लाल मीणा पार्टी छोड़ेंगे?
- क्या सचिन पायलट कांग्रेस में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएंगे?
- क्या बीजेपी में अंदरूनी राजनीति बढ़ेगी?
इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में मिलेंगे।
