राजस्थान की राजधानी जयपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां हाईकोर्ट के पास कुछ वकीलों ने एक ड्राइवर के साथ मारपीट की। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और इसे लेकर प्रशासन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। पीड़ित ड्राइवर ने इस मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है।

कैसे हुई पूरी घटना?
यह घटना तब हुई जब राजस्थान सरकार के एक विभाग की गाड़ी सचिवालय से निकलकर अपने गंतव्य की ओर जा रही थी। पीड़ित ड्राइवर के अनुसार, हाईकोर्ट के बाहर पहले से खड़ी वकीलों की गाड़ियों के कारण रास्ता संकरा था। इसी दौरान पीछे से आकर एक गाड़ी ने उनके वाहन को टक्कर मार दी।
हालांकि, ड्राइवर और उसके अधिकारी ने इसे हल्के में लेते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन करीब 50 मीटर आगे वकीलों की गाड़ी ने रास्ता रोक लिया। जब अधिकारी ने नुकसान की भरपाई करने की बात कही, तब भी वकील आक्रोश में आ गए और मारपीट शुरू कर दी।
ड्राइवर के साथ हुई मारपीट का वीडियो वायरल
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि चार ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, लेकिन वकील उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे। पीड़ित ड्राइवर का कहना है कि अगर पुलिसकर्मी न होते, तो उसकी हालत और भी खराब हो सकती थी।
पीड़ित का नाम मुकेश प्रजापत बताया जा रहा है, जो कि क्रांतिकारी टैक्सी ड्राइवर एसोसिएशन का रजिस्टर्ड सदस्य है।
ड्राइवरों का बढ़ता आक्रोश, पूरे देश में आंदोलन की चेतावनी
इस घटना के बाद से पूरे राजस्थान और भारतभर के ड्राइवर संगठनों में आक्रोश है। क्रांतिकारी टैक्सी ड्राइवर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह रत्नू ने कहा कि यह सिर्फ एक ड्राइवर पर हमला नहीं है, बल्कि आम जनता के अधिकारों पर भी हमला है।
उन्होंने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है कि आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए, उनके बार लाइसेंस रद्द किए जाएं और कठोर धाराओं के तहत केस दर्ज किया जाए।
अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो 22 करोड़ से अधिक ड्राइवरों का संगठन बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा।
प्रशासन की धीमी कार्रवाई पर सवाल
पीड़ित ड्राइवर और उसके संगठन ने आरोप लगाया है कि प्रशासन इस मामले में लापरवाही बरत रहा है। उन्होंने कहा कि जब से घटना घटी है, तब से जांच अधिकारी विधानसभा में ड्यूटी पर हैं, जिससे कार्रवाई में देरी हो रही है।

ड्राइवर यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही गिरफ्तारी नहीं हुई, तो पूरे राज्य में ट्रांसपोर्ट और टैक्सी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
वकील समुदाय पर उठे सवाल
इस घटना के बाद वकील समुदाय की साख पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। ड्राइवर यूनियन और कई सामाजिक संगठनों ने बार एसोसिएशन से मांग की है कि ऐसे वकीलों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि कुछ वकीलों की इस तरह की हरकतें पूरे वकील समुदाय को बदनाम कर रही हैं और कानून के प्रति जनता के विश्वास को आघात पहुंचा रही हैं।
सरकार से न्याय की अपील
पीड़ित ड्राइवर और उसके समर्थन में आए संगठन ने सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।
उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- दोषी वकीलों की गिरफ्तारी की जाए।
- उनके बार लाइसेंस को रद्द किया जाए।
- उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया जाए।
- भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं।
निष्कर्ष
जयपुर हाईकोर्ट के बाहर घटी इस घटना ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वकीलों को आम जनता के लिए न्याय दिलाने वाला माना जाता है, लेकिन जब वही कानून हाथ में लेने लगें, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा बन जाता है।
अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और पीड़ित को कब तक न्याय मिलता है।