पति की ‘बेटा पाने की जिद’ बनी विवाहिता की प्रताड़ना का कारण
राजस्थान के चूरू जिले के दूधवा मीठा गांव से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे जिले को स्तब्ध कर दिया है। 35 वर्षीय विवाहिता जमीदा ने अपने पति और सास पर बेहद संगीन आरोप लगाए हैं। जमीदा का कहना है कि बेटे की चाह में उसे लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जादू-टोना करवाया गया, और चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया जिससे वह कई बार बेहोश हो जाती थी।

तीन बेटियां होने के बाद भी दबाव बना बेटा पैदा करने का
पीड़िता जमीदा की शादी वर्ष 2013 में बिसाऊ के भीनसर गांव निवासी मुनेश से हुई थी। मुनेश ड्राइवर और दूध विक्रेता के रूप में कार्य करता है। शादी के बाद जमीदा ने तीन बेटियों को जन्म दिया, जिसके बाद उसका ऑपरेशन भी करवा दिया गया, ताकि भविष्य में गर्भधारण न हो।
लेकिन इसके बावजूद, पति और ससुराल पक्ष बेटा न होने पर उसे ‘नाकाम’ ठहराते रहे और लगातार शोषण करते रहे। जमीदा के अनुसार, उसे बार-बार ताने दिए जाते थे, मारा-पीटा जाता था और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।
जादू-टोना और मौलवी से तांत्रिक बूटी देने के गंभीर आरोप
पीड़िता ने बताया कि उसकी सास और पति ने एक मौलवी से संपर्क किया, जो उसे “बेटा पैदा करवाने वाले उपाय” बताता था। उसी मौलवी की सलाह पर उसे कई बार भूटी खिलाई गई जिससे वह बेसुध हो जाती थी।
इसके अलावा, पति द्वारा चाय और पानी में कुछ मिलाकर पिलाने की बात भी सामने आई है, जिससे वह कई बार होश खो बैठती थी।
“मेरे पति ने मुझे कई बार चाय में कुछ मिलाकर पिलाया। चाय पीने के थोड़ी देर बाद ही मुझे चक्कर आने लगते और मैं बेसुध हो जाती,” – जमीदा का पुलिस को बयान
अस्पताल में भर्ती, हालत गंभीर – पुलिस ने दर्ज किया बयान
घटना सामने आने के बाद जमीदा को गंभीर हालत में चूरू के सरकारी डीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, महिला की हालत पहले बेहद नाजुक थी लेकिन अब वह डॉक्टरों की निगरानी में है और धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही बिसाऊ थाना पुलिस अस्पताल पहुंची। एएसआई रोहिताश ने महिला का प्राथमिक बयान दर्ज किया। पुलिस के अनुसार मामला बेहद संवेदनशील है और हर पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है।
पीड़िता के पिता ने भी लगाए गंभीर आरोप
जमीदा के पिता सोहनलाल, जो पूर्व सैनिक हैं, ने मीडिया को बताया कि उन्होंने कई बार बेटी की हालत देखी और ससुराल वालों को समझाया, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने बेटी को न्याय दिलाने की मांग की है।
“बेटी की हालत देखकर मेरा दिल कांप गया। वो अब डर के साए में जी रही है। प्रशासन को चाहिए कि सख्त कार्रवाई करे,” – सोहनलाल, पीड़िता के पिता
सामाजिक दृष्टिकोण से शर्मनाक, महिलाओं की गरिमा को ठेस
21वीं सदी में भी बेटी और बेटे में फर्क करना और महिलाओं को संतान न होने पर दोषी ठहराना हमारे समाज के लिए कलंक है। राजस्थान जैसे राज्य में, जहां महिला सशक्तिकरण की बात होती है, ऐसे मामलों का सामने आना न केवल चिंता का विषय है बल्कि महिला सुरक्षा और सम्मान पर सवाल उठाता है।

Jhalko Rajasthan की विशेष टिप्पणी:
इस प्रकार की घटनाएं यह साबित करती हैं कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास, जेंडर बायस और जादू-टोना जैसे अमानवीय कृत्य जिंदा हैं। यह केवल एक महिला का मुद्दा नहीं बल्कि पूरे समाज की चेतना का प्रश्न है।
Jhalko Rajasthan प्रशासन से मांग करता है कि पीड़िता को न्याय, दोषियों को सज़ा, और सामाजिक चेतना बढ़ाने हेतु प्रयास जल्द किए जाएं।
- चूरू की जनता के प्यार पर बोले Rajendra Rathore, विरोधियों को दिया करारा जवाब
- शादी के 14 साल बाद बने थे जुड़वां बच्चों के पिता, हेलिकॉप्टर हादसे ने छीन ली जिंदगी
- जोधपुर से जयपुर तक गरमाया Resident Doctor विवाद, Nirmal Choudhary ने क्या कहा?
- बीकानेर में पीले पंजे की कार्रवाई पर NSUI अध्यक्ष रामनिवास कूकणा का विरोध प्रदर्शन
- बीकानेर में तांत्रिकों का खुला भंडाफोड़: झाड़-फूंक की आड़ में चल रहा था बड़ा खेल