जयपुर – एक हालिया साक्षात्कार में राजस्थान के वरिष्ठ नेता शिव सिंह शेखावत ने समाज और राजनीति में बढ़ती हुई महापुरुषों के अपमान की प्रवृत्ति पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने खासतौर पर हनुमान बेनीवाल का नाम लेते हुए उन पर तीखा प्रहार किया और कहा कि जो लोग इतिहास पुरुषों का अपमान करते हैं, वे समाज को बांटने का काम कर रहे हैं।

राजनीति में मर्यादा की गिरती सीमाएं
शेखावत ने अपने इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि आजकल कुछ नेता अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के चक्कर में महापुरुषों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में असहमति हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोई संस्कृति, इतिहास और राष्ट्रनिर्माताओं पर सवाल उठाए।
“महापुरुषों पर सवाल उठाना हमारी परंपरा नहीं है। ये वही लोग हैं जिन्होंने हमें समाज और देश को दिशा दी,” – शिव सिंह शेखावत
हनुमान बेनीवाल पर सीधा निशाना
इस इंटरव्यू में शेखावत ने हनुमान बेनीवाल के कुछ बयानों पर गहरी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बेनीवाल जिस प्रकार से राजस्थान के ऐतिहासिक चरित्रों और विचारधाराओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं, वह केवल राजनीतिक ड्रामा है।
“वे सिर्फ मीडिया में छाए रहने के लिए समाज को बांटने का काम कर रहे हैं,” – शेखावत
युवाओं को भड़काने का आरोप
शिव सिंह शेखावत ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ नेता युवाओं को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें महापुरुषों के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी भ्रामक बयान या क्लिप को आंख मूंदकर न मानें, बल्कि इतिहास की सच्चाई को जानें और समझें।
इतिहास का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
शेखावत ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी लोग राजस्थानी संस्कृति, इतिहास और गौरवशाली परंपराओं का अपमान करेंगे, उनके खिलाफ समाज खुद खड़ा होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि सामाजिक चेतना का सवाल है।
समाज में बंटवारे की राजनीति से सतर्क रहने की सलाह
शेखावत ने राजस्थान की जनता को यह सलाह दी कि वे नेताओं के भड़काऊ भाषणों से सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग केवल वोट के लिए समाज को जाति और विचारधाराओं के नाम पर बांट रहे हैं, जबकि असली मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं – जैसे कि बेरोजगारी, शिक्षा और किसान संकट।
आखिर में – समाज को जोड़ने का संदेश
इस इंटरव्यू के अंत में शिव सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान की पहचान उसकी एकता, संस्कृति और परंपरा में है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे सच्चे इतिहास को समझें, महापुरुषों का सम्मान करें और किसी भी नेता या व्यक्ति द्वारा फैलाए जा रहे नफरत के जाल में न फंसे।
🔍 निष्कर्ष
शिव सिंह शेखावत का यह इंटरव्यू एक स्पष्ट संदेश देता है – कि इतिहास का अपमान न केवल अशोभनीय है, बल्कि समाज के लिए भी घातक है। आज जब राजनीति में भाषा और मर्यादा की सीमाएं टूटती नजर आ रही हैं, ऐसे में नेताओं और जनता दोनों को संयम और विवेक से काम लेना चाहिए।
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