झलको राजस्थान | बीकानेर
बीकानेर, जिसे धर्म नगरी और छोटी काशी के नाम से जाना जाता है, एक बार फिर शर्मसार हुआ है। यहां गौवंश के साथ कुकर्म का वीडियो सामने आने के बाद शहर में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। यह घटना एक साल में चौथी बार सामने आई है, जिससे जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर है।

वायरल वीडियो से मचा बवाल, आरोपी गिरफ्तार
बीते दिन बीकानेर के नए शहर थाना क्षेत्र में गौमाता के साथ कथित कुकर्म का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो सामने आते ही लोगों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इसके बावजूद जनता की नाराजगी शांत नहीं हुई।
जनता की मांग – बिना मुंडन कर रोड शो
प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि आरोपी का सिर मुंडवाकर उसे पैदल मार्च कर पूरे शहर में घुमाया जाए, ताकि समाज में एक सख्त संदेश जाए और ऐसे अपराध दोबारा न हों। लोगों ने कहा कि अगर जुबान वाले लोग सुरक्षित नहीं हैं, तो मूक प्राणियों से क्या उम्मीद की जा सकती है।
“गौमाता हमारी मां है, अपराधी को कड़ी सजा दो”
गौभक्तों और प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि गौमाता को यदि सुरक्षा नहीं दी जा सकती, तो बहन-बेटियों की सुरक्षा की उम्मीद करना बेमानी है। एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, “गाय ने हमें जीवन भर दूध दिया, अगर आज वो भी सुरक्षित नहीं रही तो ये समाज किस ओर जा रहा है?”
प्रशासन पर लापरवाही के आरोप
लोगों ने प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि यह बीकानेर में एक साल के भीतर चौथी घटना है, फिर भी प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए। पहले के मामलों में भी आरोपी को जल्द ही जमानत मिल गई थी, जिससे अपराधियों का हौसला बढ़ता जा रहा है।
“सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, सार्वजनिक अपमान जरूरी”
गौभक्तों का कहना है कि सिर्फ गिरफ्तारी से बात नहीं बनेगी। आरोपी को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना होगा, तभी समाज में भय का माहौल बनेगा। उनका मानना है कि पैदल मार्च और मुंडन जैसी सजा से ही अपराधी और बाकी लोग सबक सीखेंगे।
देवी सिंह भाटी का समर्थन, अन्य नेताओं की चुप्पी पर सवाल
लोगों ने पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी की तारीफ करते हुए कहा कि वे ही एकमात्र नेता हैं जो गौमाता, पर्यावरण और धर्म के मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं। साथ ही अन्य नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाया गया कि जब गौमाता पर अत्याचार होता है तो कोई राजनीतिक दल या नेता क्यों नहीं बोलता।
“यह हिन्दू-मुस्लिम या राजनीतिक मामला नहीं, यह मानवता का प्रश्न है”
प्रदर्शनकारियों ने इस मुद्दे को किसी धर्म या पार्टी से न जोड़ते हुए कहा कि यह केवल मानवता और संवेदना से जुड़ा विषय है। गौमाता कोई जाति या धर्म की नहीं होती – वह एक मां है और उसकी सुरक्षा हर नागरिक का कर्तव्य है।
आगे हो सकता है उग्र आंदोलन
भीड़ ने चेतावनी दी कि यदि आरोपी को उचित सजा नहीं दी गई और उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। कलेक्टर कार्यालय के बाहर ज्ञापन सौंपा गया है और प्रशासन को दो दिन का समय दिया गया है।

निष्कर्ष
बीकानेर में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाओं पर प्रशासन की निष्क्रियता और नेताओं की चुप्पी से जनता में गहरा रोष है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस बार क्या सख्त कदम उठाता है या यह मामला भी पिछली घटनाओं की तरह समय के गर्त में खो जाएगा।
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