मासूम के साथ दरिंदगी: आरोपी सलाखों के पीछे, दबंग ऑफिसर धीरेंद्र सिंह ने किया बड़ा खुलासा
राजस्थान के बीकानेर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां 2 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई। इस क्रूर अपराध के आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाने का श्रेय बीकानेर पुलिस और विशेष रूप से दबंग पुलिस अधिकारी धीरेंद्र सिंह को जाता है।

इस केस को सुलझाना बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि अपराधी ने सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की थी। लेकिन पुलिस की कड़ी मेहनत, आधुनिक जांच तकनीकों और धीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में महज 7 दिनों में केस सुलझाकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
कैसे पकड़ा गया आरोपी? जानें पूरी कहानी
घटना स्थल और शुरुआती जांच
घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां से कोई ठोस सबूत नहीं मिला। लेकिन धीरेंद्र सिंह और उनकी टीम ने बारीकी से निरीक्षण किया और पाया कि पीछे के कमरे से किसी के जूतों या चप्पलों के निशान मौजूद थे।
इसके अलावा, अपराधी ने महिला को मारने के बाद उसे जलाने की कोशिश की, ताकि सबूत नष्ट हो जाएं। शुरुआती जांच में ही पुलिस को यह मामला पेचीदा लगा, लेकिन धीरेंद्र सिंह ने हार नहीं मानी और गहराई से जांच शुरू की।
धरने में शामिल था आरोपी, पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
इस केस में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अपराधी गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद ही धरने में शामिल हो गया।
धीरेंद्र सिंह का कहना है कि –
“जब धरना प्रदर्शन चल रहा था, तब मैंने कहा था कि आरोपी यहीं कहीं आसपास मौजूद हो सकता है और हमारी सारी बातें सुन रहा होगा।”
इसी आधार पर पुलिस ने धरने में शामिल कुछ लोगों पर नज़र रखी और फिर आरोपी की गतिविधियों की निगरानी शुरू की।
कैसे बनाई गई पुलिस की 7 टीमें?
केस को जल्द सुलझाने के लिए पुलिस ने 7 अलग-अलग टीमों का गठन किया, जिनमें शामिल थे –
- सीसीटीवी फुटेज जांच टीम – आरोपी की हरकतों को कैमरे में खोजा गया।
- साइबर सेल टीम – मोबाइल डेटा और लोकेशन ट्रैक की गई।
- संदिग्धों से पूछताछ टीम – इलाके में रहने वाले लोगों से पूछताछ की गई।
- फॉरेंसिक जांच टीम – घटनास्थल से मिले सबूतों की जांच की गई।
- गुप्त सूचना टीम – मुखबिरों के जरिए जानकारी जुटाई गई।
- सर्विलांस टीम – होटल और लॉज में ठहरे संदिग्धों पर नज़र रखी गई।
- ऑपरेशन टीम – आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कार्यवाही की गई।
आखिरकार, अपराधी को एक होटल से गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपी ने कैसे रची थी साजिश?
जांच में पता चला कि आरोपी एक मिस्त्री था और पहले पीड़िता के घर में काम कर चुका था।
🔹 आरोपी ने पहले भी हत्या की योजना बनाई थी, लेकिन समय सही न होने के कारण वह वारदात को अंजाम नहीं दे सका।
🔹 घटना के दिन, वह पीड़िता को चाय बनाने के लिए कहता है, फिर जब वह किचन में होती है तो पीछे से उस पर हमला कर देता है।
🔹 बच्ची को बचाने के चक्कर में पीड़िता अंदर भागती है, लेकिन आरोपी उसे वहीं मार देता है और फिर शव को जलाने की कोशिश करता है।
🔹 भागने के लिए आरोपी ने पहले से अपने कपड़े और जूते बदलने की प्लानिंग की थी, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके।
पुलिस पर उठे सवाल और जवाब
कुछ लोगों का कहना था कि पुलिस आरोपी को नहीं पकड़ पाएगी या जानबूझकर नहीं पकड़ेगी। लेकिन धीरेंद्र सिंह और उनकी टीम ने इसे अपना चैलेंज मानकर 7 दिनों में केस सुलझाया।
“कुछ लोगों को पुलिस पर भरोसा नहीं था, लेकिन जब हमने धरना समिति के सदस्यों को पूरे सबूत दिखाए, तो उन्होंने कहा कि यह टीम बहुत अच्छा काम कर रही है।”
बीकानेर में बढ़ते अपराध और पुलिस की सख्ती
बीकानेर में अपराधों की संख्या बढ़ रही थी, लेकिन पुलिस प्रशासन अब अपराधियों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।
1. नशे के कारोबार पर शिकंजा
पुलिस ने बीकानेर में नशे के कारोबार को रोकने के लिए कई अभियान चलाए और बड़े सप्लायरों को गिरफ्तार किया।
“पहले नशा खुलेआम बिकता था, लेकिन अब बड़े सप्लायर या तो भाग गए हैं या जेल में हैं।”
2. गैंगस्टर और बदमाशों पर नकेल
बीकानेर में गैंगवार और जमीन विवाद बढ़ रहे थे, लेकिन अब पुलिस की लगातार कार्रवाई के कारण अपराधियों में डर पैदा हुआ है।
3. बुलडोजर एक्शन
योगी मॉडल की तरह बीकानेर पुलिस ने नशे के कारोबार से जुड़े अपराधियों के घरों पर बुलडोजर भी चलाए हैं।
धीरेंद्र सिंह: रियल सिंघम ऑफ बीकानेर
धीरेंद्र सिंह को लोग “बीकानेर का सिंघम” कहने लगे हैं।
🔹 25 साल से पुलिस सेवा में हैं और कई ब्लाइंड मर्डर केस सुलझा चुके हैं।
🔹 अपराधियों में उनका खौफ इतना है कि कई बदमाश खुद इलाके छोड़कर भाग गए।
🔹 उन्होंने नशे के कारोबारियों, गैंगस्टरों और हत्यारों को जेल भिजवाया है।
“पुलिस का काम सिर्फ गिरफ्तारी करना नहीं, बल्कि समाज को सुरक्षित बनाना है।”
निष्कर्ष: समाज को सतर्क रहने की जरूरत
इस घटना ने साबित कर दिया कि अपराधियों को पकड़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं।