जयपुर.Jhalko Rajasthan- हर साल की तरह इस साल भी गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई जाएगी. जयपुर के सभी गणेश मंदिरों में गणेश चतुर्थी की धूम देखने को मिल रही है. जयपुर के सभी गणेश मंदिरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, झांकियां और गणेश उत्सव शुरू हो गए हैं. जयपुर में भगवान गणेश के 10 से अधिक प्राचीन मंदिर हैं जो गणेश चतुर्थी पर लोगों की भारी भीड़ को आकर्षित करते हैं।इन मंदिरों में जयपुर मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, ब्रह्मपुरी स्थित नहर गणेश जी, सिद्धिविनायक मंदिर सुरपोल, गंगोत्री गणेश मंदिर जामडोली, काले गणेश जी चौड़ा रास्ता, गढ़ गणेश मंदिर सबसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जहां गणेश चतुर्थी पर लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं। हैं।
इन सभी मंदिरों में सबसे खास है मोती डूंगरी गणेश मंदिर जहां गणेश चतुर्थी से पहले भगवान गणेश को विशेष लड्डुओं का भोग लगाने की अनोखी परंपरा है। इन मंदिरों के पुजारियों के मुताबिक इस बार गणेश चतुर्थी पर रवि और इंद्र योग है जिसमें गणेश मंदिर में पूजा का विशेष समय सुबह 11:28 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक है.
गणेश चतुर्थी से मंदिरों में होंगे विशेष कार्यक्रम
‘गणेश चतुर्थी’ के अवसर पर जयपुर के मोती डूंगरी गणेश मंदिर में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जो दो दिनों तक चलता है। साथ ही मंदिर में सुबह और शाम को भगवान गणेश का विशेष श्रृंगार किया जाता है जिसमें भगवान गणेश को सोने से सजाया जाता है। चांदी के मुकुट से लेकर विशेष श्रृंगार तक,गणेश चतुर्थी पर यहां आने वाले भक्तों की संख्या लाखों में होती है और लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं। इस मंदिर के प्रति लोगों की विशेष आस्था है। मंदिर में भक्तों के लिए विशेष पूजा आयोजित करने की भी सुविधा है। गणेश चतुर्थी पर मोती डूंगरी गणेश मंदिर में एक भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है जो लगातार 2 दिनों तक चलता है।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर की सबसे पुरानी मान्यता
मोती डूंगरी गणेश मंदिर के बारे में पुजारी और स्थानीय लोगों का कहना है कि राजस्थान में जहां भी शादी होती है, लोग पहला निमंत्रण भगवान गणेश को देने के लिए दूर-दूर से यहां आते हैं। इस निमंत्रण को लेकर ऐसी मान्यता है कि गणेश निमंत्रण पर उनके घर आते हैं।और शादी के सभी कार्य शुभता के साथ पूरे किए जाते हैं और साथ ही किसी भी नए काम को शुरू करने से पहले भगवान गणेश को सबसे पहले आमंत्रित किया जाता है, इसके साथ ही यहां की एक खास परंपरा भी है।जो उन लोगों के लिए है जिनकी शादी में समय लग रहा है या नहीं हो रही है तो यहां एक खास शादी का धागा बांधा जाता है, जिसके बाद लोग जल्द ही शादी कर लेते हैं। इस मंदिर में वाहनों की पूजा करने की भी अनोखी परंपरा है जो सालों से चली आ रही है।
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FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 09:06 IST
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