मामला क्या है?
सीकर जिले में एक साहसी रोडवेज बस परिचालक ने जो कर दिखाया, वह हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया है। एक 22 वर्षीय युवती को तीन बदमाशों ने दिनदहाड़े स्कॉर्पियो में अगवा कर लिया और उसे दिल्ली ले जाने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन रोडवेज के परिचालक नेमीचंद मुलरी की सूझबूझ और बहादुरी ने उस युवती की जान बचा दी।

कैसे हुआ अपहरण?
घटना 6 अप्रैल की सुबह करीब 10:00 बजे की है। युवती सीकर के पीपराली क्षेत्र स्थित अपने किराए के मकान से कोचिंग के लिए निकली थी। कोचिंग के बाद वह नवलगढ़ पुलिया पर खड़ी थी, तभी स्कॉर्पियो में सवार तीन बदमाशों ने उसे जबरदस्ती गाड़ी में खींच लिया और कोई नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया।
दिल्ली ले जाते वक्त हुआ चमत्कार
बदमाश युवती को दिल्ली की ओर ले जा रहे थे। लेकिन मानेसर स्टैंड के पास शाम 4:30 बजे गाड़ी को चाय-पानी के लिए रोका गया। इसी दौरान युवती को होश आ गया। जैसे ही उसने बाहर देखा, उसे सामने से आती सीकर डिपो की रोडवेज बस दिखाई दी।
परिचालक नेमीचंद की सूझबूझ ने बदली कहानी
जैसे ही युवती ने चिल्लाना शुरू किया, रोडवेज बस के परिचालक नेमीचंद ने बिना देर किए बस रुकवाई। उन्होंने तुरंत स्थिति को समझते हुए युवती को बदमाशों की गाड़ी से निकालकर बस में बिठा लिया। भीड़ को देख कर किडनैपर घबरा गए और मौके से फरार हो गए।
परिचालक ने की इंसानियत की मिसाल
युवती बेहद डरी-सहमी थी। नेमीचंद ने सबसे पहले उसके घरवालों से संपर्क किया और उसे पीपराली में सकुशल उनके हवाले किया। लड़की के माता-पिता भावुक हो गए और परिचालक को धन्यवाद देते नहीं थके।
माँ की ममता और लड़की की किस्मत बनी रक्षा कवच
लड़की की मां ने बताया कि उनकी बेटी एक शिक्षक है और अलवर में पोस्टेड है। वह पिछले एक साल से बेटी को अकेले बाहर भेज रही थीं। उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा किया कि बेटी को सही समय पर एक “फरिश्ता” मिल गया।
रोडवेज – एक सुरक्षित यात्रा विकल्प
इस घटना के बाद फिर एक बार साबित हुआ कि राजस्थान रोडवेज आज भी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। परिचालक नेमीचंद जैसे बहादुर कर्मचारियों की वजह से आम नागरिकों को भरोसा मिलता है।
लड़कियों के लिए जरूरी सुरक्षा टिप्स
यह घटना एक सबक भी देती है, खासकर स्कूल, कॉलेज और कोचिंग जाने वाली लड़कियों के लिए। सड़क पर अकेले खड़े रहने से बचें और हमेशा सतर्क रहें। खुद के पास पेपर स्प्रे, लाल मिर्च पाउडर, या सेफ्टी अलार्म जरूर रखें।
नेमीचंद को मिला सम्मान
स्थानीय लोगों और यात्रियों ने नेमीचंद की सूझबूझ और बहादुरी को सलाम किया है। सोशल मीडिया पर भी लोग उन्हें “हीरो ऑफ द डे” कहकर सराहना कर रहे हैं। प्रशासन से भी उम्मीद की जा रही है कि उन्हें इस साहसिक कार्य के लिए उचित सम्मान दिया जाए।
