डोटासरा की अनुपस्थिति पर पारिक का पक्ष
राजेंद्र पारिक ने स्पष्ट किया कि गोविंद सिंह डोटासरा की अनुपस्थिति के पीछे संगठनात्मक कार्य हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनकी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं, जिससे उन्हें राज्य भर में यात्राएं करनी पड़ती हैं। यह पहली बार नहीं है कि वे विधानसभा में अनुपस्थित रहे हैं। जब कोई महत्वपूर्ण मुद्दा होगा, तो वे निश्चित रूप से उपस्थित रहेंगे।’

किरोड़ी लाल मीणा पर प्रतिक्रिया
पारिक ने भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा के बयानों को उनकी व्यक्तिगत राय बताया। उन्होंने कहा, ‘मीणा जी का अपना विचार है और वे अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं उनके बारे में अधिक टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं हूँ।’
भूजल संरक्षण विधेयक पर चर्चा
राजस्थान विधानसभा में भूजल संरक्षण विधेयक पर भी चर्चा हुई। पारिक ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य प्रदेश में जल प्रबंधन को सुधारना है, लेकिन इसे लेकर जनप्रतिनिधियों और उद्योगपतियों की चिंताएं भी सामने आई हैं। उन्होंने कहा, ‘बिल को प्रवर समिति के पास भेजना आवश्यक है ताकि सभी हितधारकों की राय ली जा सके और विधेयक को और अधिक व्यवहारिक बनाया जा सके।’
विपक्ष का विरोध
भाजपा विधायकों ने इस विधेयक का विरोध किया, इसे जनविरोधी करार दिया और कहा कि इसे पुनर्विचार के लिए वापस लिया जाना चाहिए। पारिक ने इस पर कहा, ‘यदि स्टेकहोल्डर्स की राय को नजरअंदाज किया गया तो यह व्यवहारिक कठिनाइयां पैदा कर सकता है। हमारा उद्देश्य ऐसा कानून बनाना है, जो आम जनता के हित में हो और उद्योगों को भी कठिनाइयों में न डाले।’
सीकर में विकास कार्यों की स्थिति
सीकर में बजट और विकास कार्यों पर बात करते हुए पारिक ने कहा कि जिले में विकास कार्य निरंतर चल रहे हैं और आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘विकास की कोई सीमा नहीं होती और हम लगातार सीकर के समग्र विकास के लिए प्रयासरत हैं।’
निष्कर्ष
राजेंद्र पारिक के बयान से स्पष्ट है कि वे अपने क्षेत्र के विकास और प्रदेश के समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं। गोविंद सिंह डोटासरा की अनुपस्थिति को लेकर उठ रहे सवालों का उन्होंने संतुलित तरीके से जवाब दिया है।