जयपुर। राजस्थान की एसआई भर्ती को लेकर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि सीएम की चुप्पी इस बात का संकेत है कि वे कांग्रेस के कुछ नेताओं से “मिल चुके हैं” और इसीलिए एसआई भर्ती रद्द नहीं की जा रही।
बेनीवाल ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो 14 मई के बाद जयपुर में एक लाख युवा जुटेंगे और आंदोलन को राजधानी से लेकर दिल्ली तक पहुंचाया जाएगा।

भर्ती रद्द को लेकर आंदोलन तेज
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि आरपीएससी में भ्रष्ट लोगों का कब्जा है और पेपर लीक की घटनाओं ने युवाओं का भविष्य अंधकार में डाल दिया है। उन्होंने कहा, “हमने आंदोलन को डिफर किया था, खत्म नहीं किया। अब लड़ाई आरपार की होगी।”
उन्होंने बताया कि कोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है, लेकिन यदि कोर्ट या सरकार से सकारात्मक निर्णय नहीं आया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
भजनलाल शर्मा पर कांग्रेस से मिलीभगत के आरोप
बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को “पर्ची का सीएम” बताया और आरोप लगाया कि वे कांग्रेस नेताओं से मिलकर सरकार को बचाने में लगे हुए हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “भजनलाल जी डर गए हैं कि कहीं उनकी लॉटरी एक्सपायर न हो जाए। दिल्ली वालों का भी फीडबैक उनके खिलाफ है।”
बीजेपी और कांग्रेस – एक ही थाली के चट्टे-बट्टे?
बेनीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों पार्टियों की सांठगांठ राजस्थान को बर्बाद कर रही है। उन्होंने कहा कि, “बीजेपी कहती है ना खावा ना खावण देवा, लेकिन असल में दोनों पार्टियां खा भी रही हैं और खिलवा भी रही हैं।”
उन्होंने वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की दोस्ती को भी इस साजिश का हिस्सा बताया।
केके बिश्नोई और वाइट हाउस कनेक्शन
आरएलपी नेता ने बीजेपी मंत्री केके बिश्नोई पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि पेपर लीक में उनकी सीधी भूमिका है। उन्होंने एक कथित “वाइट हाउस” का जिक्र किया जहाँ, उनके अनुसार, बीजेपी और कांग्रेस के कई नेता आराम करने जाते हैं।
जयपुर के बाद दिल्ली कूच की तैयारी
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि अगर एसआई भर्ती रद्द नहीं की गई तो सीएम हाउस का घेराव, सचिवालय मार्च और जरूरत पड़ी तो दिल्ली कूच भी किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सरकार को मजबूर कर दिया है जवानों ने, अब पीछे नहीं हटेंगे।”

सवालों में विपक्ष की भूमिका भी
उन्होंने विपक्ष पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान में कोई विपक्षी नेता युवाओं के मुद्दों को नहीं उठा रहा। “कोई धर्म में, कोई जाति में, कोई पैसे में खो गया है। मैं अकेला 25 साल से लड़ रहा हूं,” बेनीवाल बोले।
निष्कर्ष
एसआई भर्ती को लेकर उठे सवालों और लगातार हो रहे आंदोलनों ने राजस्थान की राजनीति में नई उथल-पुथल मचा दी है। हनुमान बेनीवाल की आक्रामक शैली और बड़े दावे आने वाले दिनों में सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं। अब देखना ये है कि कोर्ट और सरकार इस पर क्या रुख अपनाते हैं।
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