राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) को एक प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थान माना जाता है, जहाँ पर मुफ्त इलाज और दवाइयों का दावा किया जाता है। लेकिन हाल ही में मरीजों और उनके परिजनों से हुई बातचीत से यह सामने आया है कि यहां फ्री इलाज तो मिल रहा है, मगर अस्पताल में अव्यवस्था, सुरक्षा की कमी, और असामाजिक तत्वों की मौजूदगी से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इलाज फ्री है लेकिन सुविधाएं अधूरी
आगरा से आए जवाहर सिंह का कहना है कि वह अपने छोटे भाई के लीवर की समस्या के इलाज के लिए SMS अस्पताल आए हैं। आगरा में इलाज काफी महंगा था, इसलिए उम्मीद थी कि राजस्थान में राहत मिलेगी। लेकिन उन्हें अस्पताल में 6 दिन से इंतजार करना पड़ रहा है और इलाज में काफी लापरवाही हो रही है।
उन्होंने बताया कि “डॉक्टर सिर्फ 24 घंटे में एक बार देख जाते हैं और दवाइयों का भी आंशिक वितरण होता है। जो दवाइयां मिलती हैं वो भी सिर्फ 25%। बाकी बाहर से लेनी पड़ती हैं।”
ID आधारित भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार
परिजनों ने बताया कि जब वे आधार कार्ड दिखाते हैं और यूपी के निवासी साबित होते हैं, तो स्टाफ का रवैया बदल जाता है। एक मरीज़ ने कहा, “हमें कहा जाता है हटो साइड में, नंबर आ जाएगा तुम्हारा।” इससे प्रतीत होता है कि अन्य राज्यों के लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है।
सुरक्षा में भारी चूक: चोरियां, शराबी और महिलाओं के साथ बदतमीजी
SMS अस्पताल में कई परिजनों ने शिकायत की कि वहां मोबाइल और सामान की चोरी आम बात है। साथ ही अस्पताल परिसर में शराब पीने वाले और असामाजिक तत्वों की भरमार है।
कविता नामक महिला ने बताया, “मेरे साथ दो बार छेड़छाड़ हो चुकी है। चार नंबर गेट पर शिकायत करने पर कार्रवाई तो हुई, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है।”
पानी और बुनियादी सुविधाओं की किल्लत
अस्पताल परिसर में पानी की उपलब्धता भी एक गंभीर समस्या है। अधिकतर जगहों पर कूलर और पानी के गीजर बंद हैं। लोगों को सिक्का डालकर पानी खरीदना पड़ता है, जो हर किसी के लिए संभव नहीं है।
एक परिजन ने बताया, “₹2 में एक लीटर पानी मिलता है, लेकिन अस्पताल में लगे कूलर और गीजर बंद पड़े हैं। गर्मी में ये स्थिति बहुत ही परेशान करने वाली है।”
कुछ मरीजों को मिला बेहतर इलाज
हालांकि, कुछ मरीज और परिजन ऐसे भी मिले जिन्होंने बताया कि इलाज और दवाइयां समय पर मिल रही हैं और डॉक्टर अच्छा ट्रीटमेंट दे रहे हैं। देवली से आए एक मरीज के परिजन ने बताया कि “ऑपरेशन के बाद अब उनकी भाभी की रिकवरी हो रही है और सारी दवाइयां फ्री में मिली हैं।”

निष्कर्ष: व्यवस्था को चाहिए सुधार, नहीं तो मरीज भुगतेंगे
सवाई मानसिंह अस्पताल जैसे बड़े सरकारी संस्थान से आमजन की बहुत उम्मीदें होती हैं। लेकिन जब वहाँ असामाजिक तत्व, अव्यवस्था, और बुनियादी सुविधाओं की कमी हो, तो मरीजों की हालत और खराब हो जाती है।
सरकार को चाहिए कि अस्पताल में:
- सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए
- बाहरियों के लिए स्पष्ट और समान व्यवहार हो
- पानी, गीजर और कूलर जैसी सुविधाएं ठीक की जाएं
- महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता मिले
- दवाइयों की 100% उपलब्धता सुनिश्चित की जाए
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