झलको राजस्थान | चूरू
राजनीति में अपनी मजबूत दावेदारी ठोक चुके और सुजानगढ़ से चुनाव लड़ने की तैयारी कर चुके रिटायर्ड IAS अधिकारी राजेंद्र कुमार नायक से हमारी खास बातचीत हुई। इस इंटरव्यू में उन्होंने राजनीति, समाजिक न्याय, योजनाओं की धरातल पर स्थिति और भाजपा के सिद्धांतों पर विस्तार से चर्चा की।

राजेंद्र कुमार नायक का प्रशासनिक अनुभव बना उनकी ताकत
राजेंद्र कुमार नायक ने बताया कि वे भारत सरकार के सर्वोच्च प्रशासनिक पद से रिटायर्ड हैं और पिछले कुछ समय से राजनीति और समाजसेवा में सक्रिय हैं। उन्होंने बताया कि वे अनुसूचित जाति वित्त और विकास आयोग के अध्यक्ष हैं और लगातार लोगों को बिना ब्याज के ऋण मुहैया कराने, योजनाओं का लाभ दिलवाने और नवाचारों के ज़रिए गांव-गांव तक विकास पहुंचाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि आयोग की ओर से ऑटो, ट्रैक्टर और छोटे उद्योगों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है। ₹1 लाख तक का लोन सिर्फ ₹500 अनुदान शुल्क पर उपलब्ध है।
कांग्रेस से दूरी और भाजपा से नजदीकी
जब उनसे कांग्रेस से दूरी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे पहले कांग्रेस की एक बैठक में शामिल हुए थे, लेकिन किसी ने आगे बढ़कर योजनाओं के क्रियान्वयन की बात नहीं की। उन्होंने कहा, “मैं मीटिंग करता तो कौन करता काम?”
वहीं भाजपा की नीति को उन्होंने सराहा और कहा कि भाजपा की अंत्योदय की सोच उन्हें बहुत प्रभावित करती है – “जो समाज के अंतिम पंक्ति में खड़ा है, उसी का उदय होना चाहिए।”
आरक्षण में वर्गीकरण और सामाजिक न्याय पर विचार
राजेंद्र कुमार नायक ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि वे पिछले 5 साल से यह बात कह रहे हैं कि केवल एक समाज को लाभ नहीं मिलना चाहिए, बल्कि सभी पिछड़े वर्गों को बराबरी से अवसर मिलने चाहिए।
उनके अनुसार, “जो पहले से विकसित हो चुका है, वह बड़ा भाई बन गया है, अब छोटे भाइयों को भी मौका मिलना चाहिए।”
सुजानगढ़ से चुनाव लड़ने की मंशा और अचानक लिए गए फैसले पर बोले
जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने सुजानगढ़ से चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी के बाद भी आखिरी समय पर पीछे क्यों हटे, तो उन्होंने कहा,
“मैं पूरी तरह तैयार था, जनता का प्यार भी मिल रहा था, लेकिन पार्टी आलाकमान की इज्जत और निर्णय का सम्मान करते हुए मैं पीछे हटा।”
उन्होंने आगे कहा कि एक अच्छा, पढ़ा-लिखा, प्रशासनिक अनुभव वाला उम्मीदवार जनता के लिए बेहतर काम कर सकता है, लेकिन पार्टी की दिशा और निर्णय का पालन करना ही एक सच्चे कार्यकर्ता की पहचान है।

भविष्य की रणनीति और चूरू में लगातार हो रहे दौरों का कारण
राजेंद्र कुमार नायक इन दिनों लगातार चूरू और आसपास के इलाकों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह दौरे केवल चुनावी नहीं हैं, बल्कि योजनाओं के क्रियान्वयन, जनसमस्याओं को समझने और समाधान की दिशा में किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि चूरू में भविष्य में लोकसभा और विधानसभा सीटों के पुनर्गठन को लेकर चर्चाएं चल रही हैं, लेकिन अंतिम निर्णय पार्टी के आलाकमान और गठित कमेटियों के द्वारा ही लिया जाएगा।
“अगर अच्छे लोग हिम्मत नहीं करेंगे, तो देश कैसे बदलेगा?”
राजेंद्र कुमार नायक ने जनता से अपील करते हुए कहा कि
“जब तक अच्छे लोग राजनीति में आने की हिम्मत नहीं करेंगे, तब तक व्यवस्था नहीं बदलेगी। लोकतंत्र तभी सफल होता है जब जनता जागरूक और सक्रिय हो।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि पत्रकारों की भूमिका इस प्रक्रिया में बेहद अहम है, और उन्हें लगातार सकारात्मक और जनहित से जुड़ी खबरों को सामने लाना चाहिए।
निष्कर्ष: सशक्त समाज के लिए जागरूक नेतृत्व की जरूरत
राजेंद्र कुमार नायक का यह इंटरव्यू न केवल उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अनुभव, ईमानदारी और समर्पण के साथ राजनीति में प्रवेश करने वाले व्यक्ति कैसे सामाजिक बदलाव का माध्यम बन सकते हैं।
झलको राजस्थान के लिए यह बातचीत एक प्रेरणास्पद दस्तावेज है, जो समाज में जागरूकता और सकारात्मक राजनीति को बढ़ावा देती है।
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