जयपुर: राजस्थान में रीट परीक्षा के दौरान बाहर से आए अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। जयपुर रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद ऑटो चालकों ने किराये में भारी बढ़ोतरी कर दी, जिससे कई परीक्षार्थियों को मजबूरन पैदल ही परीक्षा केंद्र तक जाना पड़ा।
किराये की मनमानी, मजबूर अभ्यर्थी
अभ्यर्थियों के अनुसार, रेलवे स्टेशन से परीक्षा केंद्र तक के लिए सामान्य किराया ₹20-₹50 होता है, लेकिन परीक्षा के दिन ऑटो चालकों ने ₹120 से ₹200 तक वसूले। कई परीक्षार्थी, जो पहले से ही लंबी यात्रा कर के आए थे, उन्होंने महंगे किराये से बचने के लिए पैदल ही निकलने का फैसला किया।

यूपी-एमपी से पहुंचे अभ्यर्थी, सफर बना मुश्किल
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों से आए अभ्यर्थियों ने बताया कि सफर के दौरान उन्हें ट्रेनों में भारी भीड़ का सामना करना पड़ा। कुछ अभ्यर्थियों को आठ-आठ घंटे तक खड़े होकर सफर करना पड़ा। रेलवे ने परीक्षा के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई थी, लेकिन वह पर्याप्त नहीं थी, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।
चेकिंग सख्त, पेपर लीक का कोई डर नहीं
कई परीक्षार्थियों और उनके परिजनों ने प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। उनका कहना था कि इस बार चेकिंग काफी सख्त थी, जिससे पेपर लीक की कोई आशंका नहीं है। हालांकि, परीक्षा केंद्रों के बाहर बैठने और छांव की उचित व्यवस्था न होने की भी शिकायतें सामने आईं।
प्रशासन को उठाने होंगे ठोस कदम
अभ्यर्थियों और उनके परिजनों की मांग है कि भविष्य में ऐसी परीक्षाओं के दौरान परिवहन व्यवस्था को बेहतर किया जाए। सरकार को परीक्षा विशेष बस सेवा उपलब्ध करानी चाहिए और किराये की मनमानी रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि दूर-दराज से आने वाले परीक्षार्थियों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
रीट परीक्षा में किराये की लूट: अभ्यर्थियों को पैदल चलने पर मजबूर, प्रशासन बेखबर
जयपुर: राजस्थान में रीट (REET) परीक्षा के दौरान बाहर से आए हजारों अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जयपुर समेत अन्य प्रमुख शहरों में परिवहन व्यवस्था चरमरा गई, जिससे परीक्षार्थियों को मनमाने किराये देने पड़े या फिर कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और परीक्षा केंद्रों के बाहर अफरा-तफरी का माहौल रहा।
ऑटो और टैक्सी वालों की मनमानी, प्रशासन ने नहीं की कोई व्यवस्था
राजधानी जयपुर समेत जोधपुर, कोटा, अजमेर और बीकानेर जैसे शहरों में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए परीक्षार्थियों को भारी किराया चुकाना पड़ा। आम दिनों में ₹20-₹50 में मिलने वाली ऑटो सेवा के लिए परीक्षा के दिन ₹150 से ₹300 तक वसूले गए। कई ऑटो और टैक्सी चालकों ने परीक्षार्थियों की मजबूरी का फायदा उठाकर किराया दोगुना-तीगुना कर दिया।
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस तरह की लूट हर साल होती है, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता। “हम पहले ही महंगाई और प्रतियोगिता के दबाव में हैं। ऊपर से यह किराये की लूट हमारे लिए और मुश्किलें खड़ी कर देती है। प्रशासन को परीक्षा के समय ऑटो और बसों की दरें तय करनी चाहिए,” उत्तर प्रदेश से आए एक परीक्षार्थी ने कहा।

परीक्षार्थियों ने किया पैदल सफर, गर्मी और थकान से परेशान हुए छात्र
जयपुर रेलवे स्टेशन और सिंधी कैंप बस स्टैंड पर सुबह से ही परीक्षार्थियों की भीड़ लगी रही। लंबी दूरी तय करके पहुंचे छात्र जब ऑटो चालकों की मनमानी देख हताश हुए तो कई ने पैदल ही परीक्षा केंद्र की ओर रुख किया।
“हमने सुबह चार बजे ट्रेन पकड़ी थी। आठ घंटे के सफर के बाद यहां पहुंचे और अब परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए 200 रुपये मांगे जा रहे हैं। हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं, इसलिए पैदल जाना ही बेहतर समझा,” बिहार से आई एक परीक्षार्थी ने बताया।
जयपुर के अलावा जोधपुर और अजमेर में भी ऐसे ही हालात देखने को मिले। गर्मी और थकान से परेशान परीक्षार्थी परीक्षा से पहले ही मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके थे।
ट्रेनों और बसों में भी भीड़, परीक्षा स्पेशल सेवा नाकाफी
इस बार रीट परीक्षा में लाखों अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया, लेकिन उनकी यात्रा सुविधाओं को लेकर कोई विशेष इंतजाम नहीं किया गया। रेलवे ने परीक्षा के लिए कुछ विशेष ट्रेनें चलाई थीं, लेकिन वे पर्याप्त नहीं थीं।
बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और अन्य राज्यों से आने वाले छात्रों को ट्रेनों में सीट नहीं मिली, जिससे कई अभ्यर्थियों को 7-8 घंटे तक खड़े रहकर सफर करना पड़ा। बसों में भी भारी भीड़ रही, जिससे सफर और कठिन हो गया।
“परीक्षा के लिए सरकार तैयारी करती है, लेकिन आवागमन की सुविधा पर ध्यान नहीं देती। अगर अतिरिक्त बसें चलाई जातीं और ट्रेन टिकटों की संख्या बढ़ाई जाती, तो हमें इतनी परेशानी नहीं होती,” मध्य प्रदेश से आए एक छात्र ने कहा।
सख्त चेकिंग से पेपर लीक पर लगी रोक, लेकिन परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था कमजोर
इस बार पेपर लीक को रोकने के लिए प्रशासन ने काफी कड़े इंतजाम किए थे। परीक्षा केंद्रों में चेकिंग इतनी सख्त थी कि कई परीक्षार्थियों को कलाई घड़ी और बेल्ट तक उतारने पड़े। मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पूरी तरह से पाबंदी थी।
हालांकि, परीक्षा केंद्रों के बाहर सुविधाओं की कमी की शिकायतें आईं। कई जगह अभ्यर्थियों के बैठने और छांव की उचित व्यवस्था नहीं थी। पानी और टॉयलेट की सुविधाएं भी कई केंद्रों पर अपर्याप्त रहीं।
अभ्यर्थियों की मांग: सरकार करे पुख्ता इंतजाम
रीट परीक्षा में शामिल हुए लाखों छात्रों ने सरकार से मांग की है कि भविष्य में परीक्षाओं के दौरान परिवहन और परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था को बेहतर किया जाए।
- परीक्षा स्पेशल बस सेवा: परीक्षा के दौरान परिवहन की सुविधा के लिए अतिरिक्त बसें चलाई जाएं।
- ऑटो और टैक्सी किराया नियंत्रण: परीक्षा वाले दिनों में ऑटो और टैक्सी के किराए सरकार तय करे ताकि परीक्षार्थियों को लूट का शिकार न होना पड़े।
- रेलवे में अतिरिक्त सुविधाएं: परीक्षा के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जाए और सामान्य ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े जाएं।
- परीक्षा केंद्रों पर बेहतर इंतजाम: बैठने, छांव, पानी और टॉयलेट की उचित व्यवस्था हो।
“अगर प्रशासन सच में परीक्षार्थियों की चिंता करता है, तो उसे इन मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। सिर्फ परीक्षा आयोजित कराना ही काफी नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि छात्रों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े,” एक अभ्यर्थी ने कहा।