Jhalko Rajasthan | चूरू
राजस्थान की राजनीति में वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनका प्रभाव चूरू ज़िले की जनता पर आज भी कायम है। हाल ही में दिए गए एक सार्वजनिक बयान में उन्होंने जनता से मिले बेशुमार प्यार की वजह बताई और विरोधियों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का भी खुलकर जवाब दिया।

चूरू की जनता से मिला अटूट समर्थन
राजेन्द्र राठौड़ का नाम चूरू की राजनीति में लंबे समय से एक मज़बूत नेता के रूप में जाना जाता रहा है। वे कई बार विधायक रह चुके हैं और राज्य सरकार में मंत्री पद पर भी रहे हैं। इस बार जब उनसे पूछा गया कि उन्हें जनता का इतना विश्वास और प्यार क्यों मिलता है, तो उन्होंने सीधा और सादगी भरा जवाब दिया:
“मैंने हमेशा जनता को अपना परिवार माना है, न कि वोट बैंक। चूरू की धरती मेरी जन्मभूमि ही नहीं, कर्मभूमि भी है।”
उन्होंने बताया कि वे जनता की समस्याओं को अपनी प्राथमिकता मानते हैं और हर स्थिति में आम आदमी के साथ खड़े रहते हैं। यही वजह है कि चाहे चुनाव हो या कोई आपदा, चूरू की जनता ने हमेशा उन पर भरोसा जताया है।
व्यक्तिगत जुड़ाव और ज़मीनी कार्यशैली है सफलता की कुंजी
राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि उनकी राजनीति कभी प्रचार या सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रही। वे हमेशा गांव-गांव जाकर लोगों से सीधे संवाद करते हैं, उनकी बात सुनते हैं और मौके पर ही समाधान निकालने की कोशिश करते हैं। यह ज़मीनी जुड़ाव ही है जो उन्हें आम नेता से अलग बनाता है।
उनके अनुसार:
“नेतृत्व का असली मूल्य तब समझ आता है जब आप किसी परिवार की बेटी की शादी में बिना बुलाए पहुँचते हैं या किसी किसान की फसल खराब होने पर उसके खेत में खड़े होकर बात करते हैं।”
विरोधियों पर साधा निशाना
बयान में राजेन्द्र राठौड़ ने विरोधियों द्वारा फैलाए जा रहे दुष्प्रचार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब कोई नेता जनता से जुड़े मुद्दों पर मजबूत होता है, तो विरोधी उसकी छवि बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। लेकिन जनता अब समझदार है और सच्चाई को पहचानती है।
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप चलते रहते हैं, लेकिन व्यक्तिगत हमलों की बजाय मुद्दों पर बात होनी चाहिए।
“चुनाव जीतना हारना अलग बात है, लेकिन अगर कोई मेरी नीयत पर सवाल उठाएगा, तो जवाब जरूर मिलेगा।”
भविष्य की योजनाओं का भी किया जिक्र
बयान के दौरान राठौड़ ने चूरू के विकास से जुड़ी आगामी योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि चूरू जिले को शिक्षा, स्वास्थ्य और सिंचाई के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं। ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाने और युवाओं के लिए रोज़गार केंद्र खोलने की योजना पर भी बात की गई।
उनके मुताबिक, आने वाले वर्षों में चूरू को “मॉडल जिला” बनाने का सपना वे और उनकी टीम मिलकर साकार करना चाहती है।

जनता का भरोसा ही असली ताकत
राजेन्द्र राठौड़ ने अंत में कहा कि राजनीति का असली उद्देश्य सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि सेवा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चूरू की जनता ने उन्हें जो सम्मान और अपनापन दिया है, वही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है।
“मेरे लिए जीत या हार मायने नहीं रखती। अगर जनता के दिल में जगह बना पाया हूं, तो वही मेरी सबसे बड़ी जीत है।”
निष्कर्ष
राजेन्द्र राठौड़ का यह बयान न सिर्फ उनके समर्थकों के लिए प्रेरणास्पद रहा, बल्कि उनके विरोधियों के लिए भी एक साफ संदेश था — कि राजनीति में टिके रहना है तो जनता से जुड़ाव और विश्वास सबसे जरूरी है। चूरू में उनका प्रभाव आज भी उतना ही मज़बूत है जितना पहले था।
- चूरू की जनता के प्यार पर बोले Rajendra Rathore, विरोधियों को दिया करारा जवाब
- शादी के 14 साल बाद बने थे जुड़वां बच्चों के पिता, हेलिकॉप्टर हादसे ने छीन ली जिंदगी
- जोधपुर से जयपुर तक गरमाया Resident Doctor विवाद, Nirmal Choudhary ने क्या कहा?
- बीकानेर में पीले पंजे की कार्रवाई पर NSUI अध्यक्ष रामनिवास कूकणा का विरोध प्रदर्शन
- बीकानेर में तांत्रिकों का खुला भंडाफोड़: झाड़-फूंक की आड़ में चल रहा था बड़ा खेल