सरकार के वादों पर सवाल
मनीष यादव ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सरकार से पूछा कि भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में किए गए वादों का क्या हुआ। खासतौर से, गर्भवती महिलाओं को 5 लीटर देसी घी देने का वादा किया गया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया। यादव ने कहा, ‘सरकार के मंत्री यह कह रहे हैं कि अभी 35 महीने बाकी हैं, लेकिन जनता ने सिर्फ़ साढ़े तीन साल ही दिए हैं। उनके जुमलों पर अब किसी का विश्वास नहीं रहा।’

कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल
यादव ने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य में चोरियां और अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। ‘सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है, और यहां के मंत्री जवाब देने से बच रहे हैं। अगर खुद की सरकार में विधायकों को अपने मुद्दों के लिए डीजी के घर जाना पड़ता है, तो इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है?’ यादव ने कहा।
शहीद पुलिसकर्मियों का मुद्दा
मनीष यादव ने शहीद पुलिसकर्मियों के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि मुख्यमंत्री के काफिले के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों को आज तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने इस मामले में सरकार की संवेदनहीनता को लेकर सवाल उठाए और कहा, ‘किरोड़ी लाल मीणा जैसे वरिष्ठ नेता को शहीदों के लिए डीजी के घर जाना पड़ रहा है। इससे बड़ी दुर्दशा राजस्थान की हो नहीं सकती।’
सरकार की गंभीरता पर प्रश्नचिन्ह
विधायक यादव ने कहा कि राजस्थान में आज कानून व्यवस्था का हाल बुरा है। ‘बजरी माफिया खुलेआम घूम रहे हैं, घटनाएं हो रही हैं, और सरकार पूरी तरह से असफल साबित हो रही है। मुख्यमंत्री और मंत्रीगण इस स्थिति का संज्ञान नहीं ले रहे हैं,’ उन्होंने आरोप लगाया।
निष्कर्ष
शाहपुरा विधायक मनीष यादव का यह बयान राज्य की मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर चिंता प्रकट करता है। सरकार पर किए गए तीखे प्रहार से यह स्पष्ट है कि जनता के मुद्दों को लेकर राज्य में गहरी नाराजगी है।