नीमका थाना, राजस्थान | झलको राजस्थान
राजस्थान के नीमका थाना क्षेत्र में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने अपनी दो जुड़वा बेटियों की बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है।

घटना का विवरण
यह घटना बीते दिन शाम 3:00 बजे की बताई जा रही है, लेकिन पुलिस को इसकी सूचना रात 11:00 बजे मिली। मृत बच्चियों की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, आरोपी पिता अशोक अपनी तीन बेटियों के जन्म से नाराज था और आए दिन अपनी पत्नी अनीता को ताने दिया करता था कि बेटियों के कारण उसका वंश खत्म हो जाएगा। इसी मानसिकता के चलते उसने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।
कैसे हुआ यह अपराध?
पीड़िता के अनुसार, पति अशोक और सास, दोनों मिलकर उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। जब से जुड़वा बच्चियों का जन्म हुआ, तब से ही आरोपी उन्हें मारने की धमकी देता रहता था।
बच्चियों की मां के अनुसार, घटना के दिन आरोपी अशोक और उसकी मां ने मिलकर उसे अपमानित किया और इसी बीच अशोक ने गुस्से में आकर पहले एक बच्ची को उठाकर फर्श पर पटक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जब पत्नी इस घटना से दहशत में आ गई और मदद के लिए दौड़ी, तब तक उसने दूसरी बच्ची को भी बेरहमी से मार दिया।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद आरोपी अशोक और उसकी मां ने शव को गुपचुप तरीके से दफनाने का प्रयास किया। लेकिन जब इस बारे में मृत बच्चियों के मामा को पता चला, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर शव को कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया।
हत्या के पीछे ‘वंशवाद’ की मानसिकता?
आरोपी अशोक को इस बात से परेशानी थी कि उसके घर में बेटियों का जन्म हो रहा है और उसका ‘वंश’ आगे नहीं बढ़ पाएगा। यह मानसिकता समाज के लिए एक गंभीर समस्या है, जहां आज भी लड़कियों को बोझ समझा जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपी की मानसिकता बहुत ही संकीर्ण थी और वह लगातार अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता था।
परिवार की प्रतिक्रिया
मृत बच्चियों के नाना-नानी और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जाए?
- लड़कियों के प्रति मानसिकता बदलना: समाज में यह जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं।
- कानूनी सख्ती: महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सख्त कानूनों का पालन होना चाहिए।
- शिक्षा का प्रसार: बेटियों को शिक्षित करना और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाना बेहद जरूरी है।
मुख्यमंत्री से अपील
इस घटना से आहत स्थानीय लोग और परिजन राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री से अपील कर रहे हैं कि आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट में कठोरतम सजा दी जाए। साथ ही, सरकार को महिला सुरक्षा और बेटी बचाओ अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
निष्कर्ष
राजस्थान के नीमका थाना क्षेत्र में हुई यह घटना पूरे समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिर कब तक बेटियों को बोझ समझा जाएगा? यह सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि समाज की गहरी जड़ें जमा चुकी कुरीतियों का एक घिनौना उदाहरण है। समय आ गया है कि समाज मिलकर इस तरह की मानसिकता को बदलने के लिए प्रयास करे।
- चूरू की जनता के प्यार पर बोले Rajendra Rathore, विरोधियों को दिया करारा जवाब
- शादी के 14 साल बाद बने थे जुड़वां बच्चों के पिता, हेलिकॉप्टर हादसे ने छीन ली जिंदगी
- जोधपुर से जयपुर तक गरमाया Resident Doctor विवाद, Nirmal Choudhary ने क्या कहा?
- बीकानेर में पीले पंजे की कार्रवाई पर NSUI अध्यक्ष रामनिवास कूकणा का विरोध प्रदर्शन
- बीकानेर में तांत्रिकों का खुला भंडाफोड़: झाड़-फूंक की आड़ में चल रहा था बड़ा खेल