राजस्थान विधानसभा में आंगनवाड़ी केंद्रों के बजट खर्च को लेकर तीखी बहस देखने को मिली। विधायक ने सरकार से पिछले बजट और वर्तमान बजट में आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए किए गए व्यय का हिसाब मांगा। हालांकि, मंत्री ने इसका संतोषजनक उत्तर नहीं दिया, जिससे सदन में तीखी बहस छिड़ गई।

विधानसभा में उठा आंगनवाड़ी बजट का मुद्दा
राजस्थान के विधायक ने विधानसभा में सवाल उठाया कि प्रदेश में कितने नए आंगनवाड़ी केंद्र खोले गए और आदर्श आंगनवाड़ी केंद्रों के विकास के लिए कितना बजट खर्च किया गया।
विधायक ने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले बजट में आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए जो घोषणाएँ की थीं, उनमें से एक भी पैसा दिसंबर तक खर्च नहीं किया गया। यह सवाल उठाया गया कि क्या सरकार की घोषणाएँ केवल कागज़ी हैं या उन पर अमल भी किया जा रहा है।
सरकार का जवाब
मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने 365 आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। इसके अलावा, 2000 आंगनवाड़ी केंद्रों में आवश्यक सुविधाएँ विकसित करने हेतु रिपोर्ट मांगी गई है।
विधायक का सवाल – कितना बजट हुआ खर्च?
विधायक ने सवाल को दोहराते हुए स्पष्ट उत्तर माँगा कि पिछले बजट में आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए आवंटित बजट में से कितना पैसा अब तक खर्च किया गया है। लेकिन मंत्री ने इस पर सीधे जवाब देने के बजाय यह बताया कि वित्त विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
सरकार की नीतियों पर सवाल
विपक्ष ने सरकार की इस स्थिति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यदि बजट आवंटित किया गया था, तो वह जमीन पर क्यों नहीं दिख रहा है?
क्या सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों के प्रति गंभीर है?
राजस्थान में आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति को देखते हुए यह सवाल उठता है कि क्या सरकार बच्चों के पोषण और शिक्षा को लेकर गंभीर है? विधानसभा में हुए इस विवाद के बाद जनता भी सरकार से जवाब की उम्मीद कर रही है।
निष्कर्ष
विधानसभा में आंगनवाड़ी केंद्रों के बजट खर्च को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है। सरकार ने जवाब तो दिया, लेकिन स्पष्ट रूप से यह नहीं बताया कि पिछली बजट घोषणाओं का कितना पैसा खर्च किया गया। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर किस तरह का ठोस कदम उठाती है।
