जयपुर | झलको राजस्थान
पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनके आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी के बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा। खाचरियावास ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक बदले की भावना” से प्रेरित बताया और कहा कि “जो मौत से नहीं डरता, वो बीजेपी से कैसे डरेगा?”

“ED की रेड मेरे आवास पर नहीं, मेरे विचारों पर है”
प्रताप सिंह ने कहा कि यह मकान उनका निजी आवास नहीं बल्कि ठाकुर लक्ष्मण सिंह शेखावत का है, जो पूर्व उपराष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत के भाई थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह छापेमारी उनकी किसी गलती पर नहीं बल्कि उनके विचारों और सरकार विरोधी बयानों पर की गई है।
“मैं जेल जाने को तैयार हूं, डरने वालों में नहीं हूं”
पत्रकारों से बातचीत में खाचरियावास ने कहा, “मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं, मुझे कोई डर नहीं है। मैं झुकने वालों में नहीं हूं, लड़ने वालों में हूं।” उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए ED और CBI जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर रही है।
“नाच-गाना, झटके और घोटाले – बीजेपी की असलियत”
खाचरियावास ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी ने “आईफा, बजरी, माइनिंग और मीटर घोटाले” कर करोड़ों रुपये की लूट मचाई है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी वालों ने चिकन-मटन खा लिया, शराब की पार्टियां कर ली, नाच-गाना झटके मार लिए – अब उन्हें दर्द हो रहा है कि मैं उनके खिलाफ आवाज उठा रहा हूं।”
“बिना नोटिस के हो रही है कार्रवाई, यह लोकतंत्र की हत्या है”
कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने भी ईडी की कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिना किसी नोटिस के इस तरह की कार्रवाई संविधान के खिलाफ है और लोकतंत्र की हत्या के समान है। कांग्रेस कार्यकर्ता सिविल लाइंस कांग्रेस कमेटी ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया।
“मुख्यमंत्री निवास के पास कार्रवाई, लेकिन मकसद और गहरा है”
यह कार्रवाई जयपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास से महज 100 मीटर की दूरी पर हुई, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। खाचरियावास ने कहा, “ये मेरी दुकान को फिर से शोरूम बनाने आए हैं… लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।”
“बीजेपी के पास बजरी, माखन और गट्टा – सब हजम कर गए”
अपने बेबाक बयानों के लिए पहचाने जाने वाले खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी ने हर जगह लूट मचाई है – चाहे वो बजरी हो, माखन हो या सरकारी टेंडर। उन्होंने सवाल उठाया कि “अगर मैंने कुछ गलत किया होता, तो पहले नोटिस क्यों नहीं दिया गया?”
“राजस्थान की जनता जानती है कि कौन सच्चा है”
उन्होंने दावा किया कि वह जयपुर का बेटा हैं और राजस्थान की जनता को उनकी नीयत और ईमानदारी पर पूरा भरोसा है। “मैं दलित, पिछड़े, गरीब की आवाज उठाता हूं – इसी बात से डरकर बीजेपी मुझे चुप कराना चाहती है।”

“राहुल गांधी सही कहते हैं – कुछ कांग्रेसी बिल में घुस गए हैं”
खाचरियावास ने यह भी कहा कि कुछ कांग्रेस नेता डर के मारे चुप हो गए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “राहुल गांधी सही कहते हैं – कई नेता बिल में घुस गए हैं, लेकिन मैं उनमें से नहीं हूं। मैं डर के नहीं, लड़ने के लिए पैदा हुआ हूं।”
निष्कर्ष: क्या वाकई यह बदले की कार्रवाई है?
इस पूरे घटनाक्रम से यह सवाल उठता है कि क्या वाकई ईडी की यह कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है या फिर यह राजनीतिक दबाव का नतीजा है? विधानसभा चुनावों से पहले ऐसी कार्रवाई विपक्ष के लिए सहानुभूति का कारण बन सकती है।
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