चूरू/जयपुर।
राजस्थान में हाल ही में घोषित पशु परिचर भर्ती परिणाम 2024 को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षा में शामिल लाखों युवाओं में भारी नाराजगी देखी जा रही है। परिणाम जारी होते ही सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
विवाद की जड़: नॉर्मलाइजेशन फार्मूला
इस भर्ती परीक्षा का आयोजन दिसंबर 2024 में हुआ था और इसका परिणाम 3 अप्रैल 2025 को जारी किया गया। परीक्षा छह पारियों में आयोजित की गई थी। परिणाम विश्लेषण से पता चला कि टॉप 1000 रैंक में से 733 अभ्यर्थी केवल छठी पारी से हैं, जबकि पहली से पांचवी पारी में चयन प्रतिशत केवल 26.7% रहा।

शिक्षक व यूट्यूबर संतोष बिश्नोई ने आँकड़ों के साथ यह सवाल उठाया कि जब पहली से पाँचवी पारी में 8 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल थे, तो उन पारियों से इतने कम चयन क्यों हुए? उन्होंने नॉर्मलाइजेशन सिस्टम को “कुप्रथा” बताते हुए इसे समाप्त करने की मांग की है।
क्या है नॉर्मलाइजेशन और विवाद क्यों?
नॉर्मलाइजेशन वह प्रणाली है जिसमें एक ही परीक्षा के विभिन्न शिफ्टों के कठिनाई स्तर को संतुलित करने के लिए अंक समायोजित किए जाते हैं। हालांकि, संतोष बिश्नोई का कहना है कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस फार्मूले का उपयोग किया गया है। उन्होंने दावा किया कि कई पुराने परीक्षाओं जैसे पटवारी और जूनियर अकाउंटेंट में भी यही फार्मूला विवाद का कारण बना था।
आर्टिकल 14 का उल्लंघन?
छात्रों और शिक्षकों का मानना है कि यह भर्ती संविधान के आर्टिकल 14 (समानता का अधिकार) का खुला उल्लंघन है। संतोष बिश्नोई का कहना है कि जब किसी एक पारी के छात्रों को असमान लाभ मिलता है, तो यह शेष छात्रों के साथ अन्याय है।
क्या बोले बोर्ड अधिकारी?
बोर्ड सचिव और अध्यक्ष ने भी यह स्वीकार किया है कि पहली से पाँचवी पारी के बच्चों के साथ अन्याय हुआ है, लेकिन वे समाधान के अभाव में बेबस नजर आए। छात्रों के एक डेलीगेशन ने सचिव से मिलकर नया फार्मूला भी प्रस्तुत किया, जो सुप्रीम कोर्ट और पंजाब हाई कोर्ट में स्वीकृत है।
कोर्ट का रुख करेंगे छात्र
यदि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लेती, तो पीड़ित छात्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को तैयार हैं। संतोष बिश्नोई ने स्पष्ट कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं आया, तो कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।
आगे की राह और मांगें
छात्रों की प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:

- नॉर्मलाइजेशन प्रणाली को समाप्त किया जाए।
- पशु परिचर भर्ती परिणाम की निष्पक्षता से दोबारा जांच हो।
- भविष्य की सभी बड़ी परीक्षाएं एक ही दिन और एक ही पारी में आयोजित की जाएं।
- वर्ष 2021 की एसआई भर्ती सहित अन्य विवादित भर्तियों की न्यायिक समीक्षा हो।
सरकार से उम्मीदें
राज्य सरकार से छात्रों को अब भी उम्मीद है। मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से संपर्क में आए छात्रों का मानना है कि सरकार निष्पक्ष कार्रवाई करेगी और मेहनती छात्रों को उनका हक दिलाएगी।