झलको राजस्थान | विशेष रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में रविवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 27 पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली है। इस घटना ने देश और विदेश के नेताओं को प्रतिक्रियाएं देने पर मजबूर कर दिया है।

हमले की भयावहता: “धर्म पूछकर गोली मारी गई”
चश्मदीदों के अनुसार, आतंकी स्थानीय पुलिस की वर्दी में थे और चेहरे पर मास्क लगाए हुए थे। उन्होंने पहले लोगों से धार्मिक पहचान पूछी और फिर निर्दोष नागरिकों को गोली मार दी। हमले में शामिल आतंकियों में दो विदेशी और दो स्थानीय आतंकी बताए जा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर धमकाया और कहा कि “मोदी की वजह से हमारा मजहब खतरे में है।”
शहीदों की सूची में हर कोने से नागरिक
हमले में जान गंवाने वालों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और चंडीगढ़ जैसे राज्यों के पर्यटक शामिल हैं। इसके अलावा, नेपाल और यूएई के नागरिक भी इस हमले में मारे गए हैं।
भारत सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया
हमले की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस वक्त सऊदी अरब में थे, भारत लौट आए। गृह मंत्री अमित शाह, एलजी मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला श्रीनगर पहुंचे। गृह मंत्री ने घटना स्थल का दौरा किया और पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
राहुल गांधी ने भी अमित शाह से फोन पर बात कर इस हमले को लेकर अपनी चिंता जाहिर की।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का विवादास्पद बयान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हमले से पल्ला झाड़ते हुए बयान दिया कि “हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है। भारत में ही सरकार के खिलाफ लोग उठ खड़े हो रहे हैं।” उन्होंने उल्टा भारत पर ही आरोप मढ़ते हुए कहा कि “भारत खुद ही इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहा है।”
इस बयान ने भारतीय नेताओं और विशेषज्ञों को और भड़का दिया है।

कपिल सिब्बल की मांग: पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित किया जाए
वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस घटना के लिए पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में घसीटा जाना चाहिए और उसे आतंकवादी राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने गृहमंत्री से कार्रवाई की मांग की।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव की कड़ी निंदा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि किसी भी परिस्थिति में नागरिकों पर हमला अस्वीकार्य है। उन्होंने भारत सरकार से हमलावरों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपेक्षा जताई।
पूर्व DGP का बयान: “यह पुलवामा-2 मूवमेंट है”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने इस हमले को “पुलवामा-2” करार दिया और इसे पाकिस्तानी सेना की सुनियोजित साजिश बताया। उन्होंने दावा किया कि पाक सेना का स्पेशल सर्विस ग्रुप आतंकियों के भेष में हमला कर रहा है।
भारत में उबाल: पाक सेना को तोड़ने की मांग
पूर्व अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों ने पाकिस्तान को चार भागों में विभाजित करने और बलूचिस्तान, सिंध, पीओके जैसे क्षेत्रों को स्वतंत्रता दिलाने की वकालत की है। उनका कहना है कि जब तक पाकिस्तान की सेना की रीढ़ नहीं तोड़ी जाएगी, तब तक आतंकवाद थमने वाला नहीं है।
निष्कर्ष: क्या भारत अब पलटवार करेगा?
पहलगाम हमला एक बार फिर यह साबित करता है कि आतंकवाद अब भी भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है। जब पर्यटक स्थलों तक को निशाना बनाया जाने लगे, तो यह साफ संकेत है कि दुश्मन अब किसी भी सीमा तक जा सकता है।
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