पहल्गाम आतंकी हमला: देश में शोक और आक्रोश का माहौल

जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहल्गाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में आम नागरिकों के साथ महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया गया, जिससे पूरे भारत में शोक और आक्रोश की लहर फैल गई है। इस भयावह घटना को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं।
गंभीर बयान: “एक-एक कतरे का हिसाब लिया जाएगा”
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह न केवल एक जघन्य कृत्य है, बल्कि मानवता को शर्मसार करने वाला हमला है। उन्होंने कहा:
“हमारा बच्चा चला गया, अब हम यह कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। एक-एक खून के कतरे का हिसाब लिया जाएगा। देश का प्रधानमंत्री, केंद्र सरकार और राज्य सरकार, सभी पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं।”
गंभीर निर्णय की ओर इशारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाई गई जिसमें सख्त कदम उठाने के संकेत दिए गए। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई से जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए यह कहा गया:
“अब रक्त और पानी एक साथ नहीं बह सकते। सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार समय की मांग है।”
कांग्रेस पर तीखा हमला: “घटना उनके चरित्र को दर्शाती है”
राजस्थान कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य विपक्षी नेताओं के बयानों पर भी सत्तापक्ष ने कड़ा रुख अपनाया है। केंद्रीय मंत्री ने रॉबर्ट वाड्रा के बयान की आलोचना करते हुए कहा:
“उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और आतंकी ताकतों के प्रति सहानुभूति दर्शाता है। यह कांग्रेस की मानसिकता और उसके चरित्र को उजागर करता है।”
पूरा देश एकजुट: “यह देश पर हमला है, व्यक्ति विशेष पर नहीं”
घटना की निंदा करते हुए यह कहा गया कि यह हमला किसी एक समुदाय या व्यक्ति पर नहीं बल्कि भारत देश की संप्रभुता पर सीधा प्रहार है। नेताओं ने अपील की कि इस समय सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों को एकजुट होकर आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़नी चाहिए।
सख्त कदम उठाने की मांग: अब केवल एक्शन की ज़रूरत
इस हमले के बाद नेताओं और आम जनता का यह स्पष्ट मत बन गया है कि अब समय आ गया है जब केवल कड़ी निंदा से काम नहीं चलेगा, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।
“देश गमगीन है, लेकिन उससे ज्यादा आक्रोशित है। अब बातें नहीं, एक्शन होना चाहिए।”
पीड़ित परिवारों के लिए संवेदना और समर्थन
सभी नेताओं ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और सरकार से मांग की कि उन्हें हर संभव सहायता दी जाए। मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा:
“मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन परिवारों को यह असहनीय दुख सहन करने की शक्ति दे। सरकार पूरी तरह से उनके साथ है।”
निष्कर्ष: आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की जरूरत
पहल्गाम आतंकी हमले ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि भारत को अब आतंकवाद के विरुद्ध निर्णायक और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। देश के नेता, चाहे वे सत्ता में हों या विपक्ष में, सभी इस बात पर एकमत हैं कि इस बार जवाब सख्त और स्थायी होना चाहिए।
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