नोखा, राजस्थान: नोखा में घटी दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। विद्यालय परिसर में खेल रही तीन मासूम बच्चियों की टांके में गिरने से मौत हो गई। इस घटना को लेकर जनता में आक्रोश है और अब कांग्रेस नेता टिका राम जूली ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते इन मासूम बच्चियों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
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क्या है पूरा मामला?
नोखा क्षेत्र में स्थित एक विद्यालय में प्रज्ञा, भारती और रवीना नामक तीन बच्चियां खेल रही थीं। खेल-खेल में वे एक पुराने टांके के पास पहुंच गईं, जिसकी हालत पहले से ही जर्जर थी। अचानक, कमजोर पटिया टूट गई और तीनों बच्चियां टांके में गिर गईं। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
विद्यालय प्रशासन और अधिकारियों की लापरवाही?
इस घटना के बाद प्रशासन की लापरवाही खुलकर सामने आई। बताया जा रहा है कि विद्यालय प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को इस टांके की जर्जर स्थिति के बारे में पहले ही अवगत करा दिया गया था।
- विद्यालय प्रशासन ने पीओ, बीडीओ और विकास अधिकारियों को इस समस्या के बारे में सूचित किया था।
- अधिकारियों को आगाह किया गया था कि टांका कमजोर हो चुका है और किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
- इसके बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया, जिससे यह दुखद हादसा हुआ।
जनता का गुस्सा, तीन दिनों से चल रहा धरना
बच्चियों की मौत के बाद स्थानीय लोग और उनके परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने प्रशासन पर मौन रहने का आरोप लगाया है और मांग की है कि:
- मृत बच्चियों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।
- दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
- पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले।
- भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएं।
टिका राम जूली का सरकार पर हमला
इस घटना को लेकर कांग्रेस नेता टिका राम जूली ने राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने विधानसभा में कहा:
“सरकार बेटियों की सुरक्षा को लेकर सिर्फ बयानबाजी करती है, लेकिन जब असली सवाल जवाबदेही का आता है, तो कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। आखिरकार इन तीन मासूम बच्चियों की मौत का जिम्मेदार कौन है?”
उन्होंने मांग की कि सरकार को तुरंत:
- पीड़ित परिवार को न्याय देना चाहिए।
- दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
- ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस नीति बनानी चाहिए।
सरकार की चुप्पी पर सवाल
घटना के बाद से सरकार की मौन स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोग, अभिभावक और सामाजिक कार्यकर्ता यह जानना चाहते हैं कि:
- अब तक दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
- सरकार पीड़ित परिवारों को सहायता देने में देरी क्यों कर रही है?
- राज्य में स्कूलों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जाएंगे?
क्या होगा आगे?
नोखा की यह घटना सिर्फ एक दुर्घटना नहीं बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का जीता-जागता उदाहरण है। यदि समय रहते संबंधित अधिकारियों ने कदम उठाए होते, तो शायद ये तीन मासूम बच्चियां आज जिंदा होतीं। अब देखना यह होगा कि सरकार जनता की मांगों को सुनती है या फिर इस मुद्दे को भी अन्य मामलों की तरह भुला दिया जाता है।
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Jhalko Rajasthan इस मामले पर अपनी नजर बनाए रखेगा और आगे की घटनाओं की जानकारी आप तक पहुंचाएगा।