राजस्थान विधानसभा में चूरू से विधायक नरेंद्र बुडानिया ने किसानों और सहकारिता से जुड़े गंभीर मुद्दों को सदन में उठाया। उन्होंने बेटियों की सुरक्षा, सहकारिता आंदोलन की स्थिति और किसानों की दयनीय दशा को लेकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की।

बेटियों की सुरक्षा को लेकर जताई चिंता
नरेंद्र बुडानिया ने कहा कि प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने सदन में मांग की कि कानून व्यवस्था को सख्त बनाया जाए ताकि महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें।
किसानों की दुर्दशा पर बोले नरेंद्र बुडानिया
विधायक ने किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के चलते किसान परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि:
- एमएसपी पर फसल बेचने में आ रही दिक्कतें: जब किसान मंडी में अपनी फसल लेकर जाता है, तो बिना पैसे दिए उसका अनाज नहीं खरीदा जाता।
- किसानों से हो रहा अन्याय: फसल की गुणवत्ता को लेकर बेवजह आपत्ति जताकर किसानों को उनकी फसल औने-पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर किया जाता है।
- फसल बीमा योजना में भ्रष्टाचार: बीमा कंपनियां किसानों को उनका हक देने से बच रही हैं।
सहकारिता आंदोलन पर सरकार को घेरा
विधायक ने सहकारिता आंदोलन की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि यह कभी किसानों के हक में शुरू हुआ था, लेकिन आज भ्रष्टाचार के कारण यह अपना असली उद्देश्य खो चुका है।
- भूमि विकास बैंक की बदहाल स्थिति: यह बैंक कभी किसानों की उन्नति के लिए काम करता था, लेकिन आज स्थिति खराब है।
- दूध उत्पादक संघ में मिलावट: ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियां कमजोर हो रही हैं और दूध में मिलावट की समस्या बढ़ती जा रही है।
- महिला स्वयं सहायता समूहों की कमजोर स्थिति: पहले महिलाएं सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनती थीं, लेकिन आज उन्हें पर्याप्त साधन नहीं मिल रहे हैं।
बाजरा किसानों की अनदेखी पर सरकार से सवाल
बुडानिया ने कहा कि राजस्थान में बाजरा सबसे अधिक उगाया जाता है, लेकिन सरकार इसे एमएसपी पर खरीदने का वादा करके भी पीछे हट गई। उन्होंने मांग की कि सरकार बाजरा किसानों को उनका उचित हक दे।
पोषण योजना पर सवाल
विधायक ने कहा कि स्कूलों और आंगनबाड़ियों में बच्चों को पोषण युक्त भोजन नहीं मिल रहा। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि:
- बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाए।
- दूध पाउडर के बजाय ताजा दूध देने की व्यवस्था की जाए।
सरकार को दी चेतावनी
बुडानिया ने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द किसानों और सहकारिता से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जाए, अन्यथा किसान सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगाई, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।
निष्कर्ष
विधानसभा में नरेंद्र बुडानिया की इस दमदार बहस ने सरकार को किसानों और ग्रामीण जनता की परेशानियों पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार इन मांगों पर क्या कदम उठाती है।
