भारत और अमेरिका के बीच नई व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जो दोनों देशों के आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को एक नई दिशा देने वाली है। इस समझौते के तहत व्यापार शुल्क में कमी, भारतीय स्टार्टअप्स को अमेरिकी बाजार में प्रवेश, और आईटी व मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सहयोग बढ़ाने जैसे कई अहम फैसले लिए गए हैं। यह संधि भारत की वैश्विक अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी को मजबूत करेगी और दोनों देशों के व्यापारियों के लिए नए अवसर खोलेगी।
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इस समझौते के अनुसार, भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में आयात शुल्क कम किया जाएगा, जिससे टेक्सटाइल, फार्मा और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को लाभ मिलेगा। वहीं, भारत में अमेरिकी निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियों को लागू किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस संधि से डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-कॉमर्स, और ग्रीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ेगा।
इस संधि के साथ, रक्षा और तकनीकी सहयोग को भी नई मजबूती मिलेगी। भारत और अमेरिका के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी है। यह कदम भारत को तकनीकी रूप से और सशक्त बनाने में मदद करेगा।
हालांकि, इस संधि को लेकर कुछ विपक्षी दलों और व्यापार संघों ने चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इससे घरेलू उद्योगों पर असर पड़ सकता है और विदेशी कंपनियों को भारत में अधिक छूट मिल सकती है। वहीं, सरकार का दावा है कि यह समझौता भारत के आर्थिक विकास को गति देगा और “मेक इन इंडिया” अभियान को और मजबूती देगा।