बीकानेर, झलको राजस्थान: महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर पूरे देश में भक्ति और उल्लास का माहौल देखने को मिला। बीकानेर के प्रसिद्ध महादेव मंदिर में इस बार का नजारा बेहद खास रहा। कोई भगवान भोलेनाथ से अच्छी सेहत और निरोगी काया की कामना कर रहा था तो कोई अच्छा करियर पाने की प्रार्थना कर रहा था। कुछ भक्तों ने अपने जीवनसाथी की कामना भी की।

महाशिवरात्रि का पर्व और मंदिरों में भक्तों की भीड़
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है। इस दिन भक्तजन पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। बीकानेर के महादेव मंदिर में इस बार शिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन गूंज रहे थे और हर तरफ “हर-हर महादेव” और “बम-बम भोले” के जयकारे सुनाई दे रहे थे।
प्रसाद में भांग और धतूरा, भक्तों की शिव भक्ति
महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल चढ़ाने और भांग-धतूरे का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है। भक्तों ने बड़े ही श्रद्धा भाव से भगवान शिव को प्रसाद अर्पित किया और मंदिर परिसर में भांग का प्रसाद भी वितरित किया गया।
एक भक्त ने बताया, “भांग को तैयार करने के लिए इसे डेढ़ घंटे तक घोटना पड़ता है। फिर इसमें काली मिर्च, सौंफ, गुलाब की पंखुड़ियां और अन्य सामग्री मिलाई जाती है, जिससे इसका स्वाद और प्रभाव संतुलित रहे।”
वहीं, कुछ भक्तों ने हंसी-मजाक में कहा कि “अगर भांग ज्यादा असर कर जाए तो कच्चा दूध पी सकते हैं या लहसुन का सेवन कर सकते हैं, जिससे नशा उतर जाता है।”
भक्तों की अनोखी मुरादें – लुगाई (जीवनसाथी) और अच्छा करियर
शिवरात्रि पर भक्त सिर्फ भोलेनाथ का आशीर्वाद लेने ही नहीं आते बल्कि अपनी इच्छाएं और मनोकामनाएं भी भगवान शिव के सामने रखते हैं।
- एक युवक ने मजाक में कहा, “मैं पार्वती जी जैसी लुगाई मांगने आया हूं।”
- वहीं, एक अन्य भक्त ने कहा, “पहला सुख निरोगी काया और दूसरा सुख धन और माया।”
- एक युवा ने कहा, “मैं चाहता हूं कि मेरा करियर अच्छा बने और भगवान शिव की कृपा बनी रहे।”
युवाओं में इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा गया। कई प्रेमी जोड़े भी मंदिर पहुंचे और भगवान शिव और माता पार्वती की जोड़ी से अपने रिश्ते में मजबूती की प्रार्थना की।
शिवरात्रि पर भांग पीना सही या गलत?
शिवरात्रि के अवसर पर कुछ लोग भांग का सेवन करते हैं, जिसे शिव का प्रसाद माना जाता है। हालांकि, इस पर मतभेद भी देखने को मिला।
कुछ भक्तों का मानना था कि “शिवरात्रि पर भांग लेना गलत नहीं है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में लेना चाहिए।” वहीं, कुछ अन्य लोगों ने इसे गलत परंपरा बताते हुए कहा कि “भगवान शिव के नाम पर नशा करना सही नहीं है। भक्ति शुद्ध और पवित्र मन से करनी चाहिए।”

नवविवाहित जोड़ों की विशेष पूजा
मंदिर में एक नवविवाहित जोड़ा भी नजर आया, जिसने कहा, “हमारी शादी 14 फरवरी को हुई थी, और आज हम शिवरात्रि पर शिव-पार्वती के दर्शन करने आए हैं ताकि हमारा दांपत्य जीवन सुखमय रहे।”
शिवरात्रि मेले की धूम
मंदिर के आसपास मेले का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने जमकर आनंद लिया। मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ-साथ भक्तों ने प्रसाद भी ग्रहण किया।
“हर साल की तरह इस बार भी महाशिवरात्रि का पर्व बेहद खास रहा। मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और हर कोई शिवभक्ति में लीन नजर आया।”
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व भक्ति, श्रद्धा और उल्लास से भरपूर रहा। भगवान शिव के भक्तों ने अपनी-अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए पूजा-अर्चना की और शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए भांग-धतूरे का प्रसाद चढ़ाया।