Home आपणो राजस्थान भगवान मथुराधीश कोटा चंबल के किनारे नंद गांव में विराजमान हैं। एक...

भगवान मथुराधीश कोटा चंबल के किनारे नंद गांव में विराजमान हैं। एक झलक पाने के लिए भक्त बेताब रहते हैं.

 शक्ति सिंह/कोटा:- शैक्षणिक नगरी कोटा को धार्मिक नगरी के रूप में भी पहचान मिल रही है. ऐतिहासिक मंदिरों के साथ ही यहां होने वाले आयोजनों से कोटा धार्मिक हो जाता है। कोटा में भी जन्माष्टमी का त्यौहार एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। चर्मण्यवती क्षेत्र में स्थित कोटा को कई नामों से जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे छोटी काशी कहा था। जब हम कृष्ण जन्माष्टमी की बात कर रहे हैं तो पार्क के अंदर स्थित कोटा को नंदग्राम के नाम से जाना जाता है। यदि हम कोटा को महान मथुराधीशजी की नगरी कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

देश-दुनिया की प्रथम पीठ भगवान मथुराधीश चंबल तट पर स्थित नंद गांव में विराजमान हैं। कहा जाता है कि फाल्गुन शुक्ल एकादशी के दिन मथुरा के गोकुल क्षेत्र के करनावल गांव में सूर्यास्त के समय मथुराधीशजी श्रीमद् वल्लभाचार्य के समक्ष मूर्ति के रूप में प्रकट हुए थे। शहर का भाग्योदय हुआ तो सन् 1737 में मथुराधीश जी कोटा आ गये और तब से यहीं निवास कर रहे हैं। हजारों बीघे जमीन का वह अकेला मालिक है। कोटा के मथुराधीश जी देश-दुनिया में सबसे बड़े हैं।

मथुराधीश प्रभु के गूंजे जयकारे
शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर में मंगलवार को नंदोत्सव का उल्लास छाया रहा। पाटनपोल में निधि स्वरूप मथुराधीश प्रभु के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी, जो मथुराधीश मंदिर से लेकर भूरिया गणेश जी तक पहुंची। पूरे नंदग्राम में मथुराधीश प्रभु के जयकारे गूंज रहे थे। सुबह से ही ठाकुर जी मंदिर में स्वर्ण जड़ित पालने में विराजमान रहे। उनकी एक झलक पाने के लिए दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। महिलाएं दर्शन करते हुए लाला का आशीर्वाद लेती रहीं।

नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
नंदोत्सव के दौरान बधाइयां गूंजती रहीं। प्रथम पीठ युवराज गोस्वामी मिलन कुमार बावा ने स्त्री भाव से मथुराधीश प्रभु की सेवा की। उन्होंने यशोदा का रूप धारण किया और लाला को पालने में झुलाया। मुखिया नंदराय और सभी सेवक ग्वाले बन गए। तरह-तरह के खिलौनों से लाला को रिझाया गया। हल्दी मिश्रित दूध-दही फेंके जाने पर श्रद्धालु भी ‘नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की…’ गाने लगे।

मंदिर में भगवान का संकीर्तन सभी को भावविभोर कर रहा था। इस दौरान दोपहर 1 बजे मंगला दर्शन, दोपहर में राजभोग और शाम को संध्या आरती के दर्शन किये गये। मां यशोदा के स्वरूप मिलन कुमार बावा के दर्शन और आशीर्वाद के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। फूलों से सजे नंदग्राम में मनभावन सुगंध महक रही थी।

Tags: Kota news, Local18, Sri Krishna Janmashtami

FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 13:51 IST

Read More News-
@Jhalko Rajasthan