अजमेर जिले के किसानों को अब तक नहीं मिला खरीफ फसल का मुआवजा
किशनगढ़, राजस्थान: किशनगढ़ के विधायक विकास चौधरी ने राजस्थान विधानसभा में किसानों के मुआवजे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से आग्रह किया कि किसानों की विशेष गिरदावरी जल्द से जल्द कराई जाए और उन्हें उनकी फसलों का उचित मुआवजा दिया जाए।

रबी और खरीफ फसलें हुईं बर्बाद
विधानसभा में बोलते हुए विधायक चौधरी ने बताया कि अजमेर जिले के अराई, बोराडा, सरवाड़, लुरा, दूदू सहित कई इलाकों में किसानों को इस बार भारी नुकसान झेलना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पहले अतिवृष्टि के कारण खरीफ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई और अब रबी की फसल पर उटा रोग का प्रकोप किसानों के लिए नई मुसीबत बनकर आया है।
किसानों को मुआवजा क्यों नहीं मिला?
विधायक चौधरी ने सरकार को घेरते हुए कहा कि 2024 की खरीफ फसल का मुआवजा आज तक किसानों को नहीं मिला। अब रबी फसल भी नष्ट हो गई है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल खुद को किसान पुत्र कहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि किसान मुआवजे के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
विशेष गिरदावरी और क्रॉप कटिंग की मांग
चौधरी ने राज्य सरकार से अपील की कि विशेष गिरदावरी जल्द से जल्द करवाई जाए और फसल नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए राजस्व विभाग के माध्यम से रैंडम क्रॉप कटिंग की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया किसानों की मौजूदगी में होनी चाहिए ताकि बीमा कंपनियां बाद में किसानों को गुमराह न कर सकें।
बीमा कंपनियों पर उठाए सवाल
किशनगढ़ विधायक ने बीमा कंपनियों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि बीमा कंपनियां किसानों से 1327 रुपये प्रति बीघा प्रीमियम लेती हैं, लेकिन क्लेम के नाम पर 14163 रुपये प्रति बीघा का मुआवजा देने में आनाकानी कर रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि बीमा कंपनियों को जल्द से जल्द किसानों को उनका हक देने के निर्देश दिए जाएं।
किसानों का आंदोलन तेज होने के आसार
विकास चौधरी ने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर जल्द ही किसानों को राहत नहीं दी गई, तो पूरा अजमेर जिला एक बड़े किसान आंदोलन की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने सरकार से अपील की कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें समय पर मुआवजा प्रदान किया जाए।
निष्कर्ष
किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी के इस बयान ने किसानों की परेशानियों को फिर से उजागर किया है। अगर सरकार जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो अजमेर जिले में बड़े स्तर पर किसान आंदोलन हो सकता है। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करते हैं।
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