बीकानेर, राजस्थान: बीकानेर जिले के मोलानी गांव और आसपास के क्षेत्रों में किसानों की फसलें भारी नुकसान झेल रही हैं। हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसान भारी संकट में हैं। किसानों ने सरकार से सहायता की मांग की है और बताया कि उनकी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं, जिससे उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।

खराब मौसम बना कारण
पिछले कुछ दिनों में तेज़ आंधी, बारिश और ओलावृष्टि के कारण कई किसानों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। खेतों में दूर-दूर तक खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों की सालभर की मेहनत पर पानी फिर गया है। एक किसान ने कहा, “हमारे खेतों में अब सिर्फ उजाड़ दिखता है। हमने लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन अब कुछ नहीं बचा।”
किसानों पर बढ़ा कर्ज़ का बोझ
कई किसानों ने ट्रैक्टर और खेती के अन्य उपकरणों के लिए लोन लिया था, लेकिन फसल बर्बाद होने के कारण वे इसे चुकाने में असमर्थ हो गए हैं। एक किसान ने बताया, “हमने लोन लेकर खेती की थी, अब पूरा कर्ज़ सिर पर चढ़ गया है। सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए, नहीं तो हम पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे।”
सरकार से उम्मीदें और प्रशासन की चुप्पी
स्थानीय किसानों ने प्रशासन से अपनी पीड़ा साझा की, लेकिन अभी तक उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। किसानों का कहना है कि पटवारी ने केवल खेतों की तस्वीरें लेकर चला गया, लेकिन अभी तक कोई मुआवजा या सहायता की घोषणा नहीं हुई है।
क्या कहती है सरकार?
किसानों की मांग है कि सरकार उन्हें उचित मुआवजा दे और उनकी समस्याओं का समाधान करे। क्षेत्र के मंत्री सुमित गोदारा से किसानों ने गुहार लगाई कि वे उनकी स्थिति को समझें और उचित राहत पैकेज दिलाने में मदद करें।
क्या हो सकते हैं समाधान?
- सरकार को तत्काल सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
- बर्बाद हुई फसलों पर बीमा कंपनियों से क्लेम दिलाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
- किसानों के लोन को माफ करने या उनके भुगतान की समय सीमा बढ़ाने की जरूरत है।
- फसल बर्बादी को रोकने के लिए बेहतर सिंचाई और मौसम पूर्वानुमान की सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।