राजस्थान की राजनीति में इन दिनों फोन टैपिंग मामला गरमाया हुआ है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर डर और जवाबदेही से भागने का आरोप लगाया और विधायकों के निलंबन को लोकतंत्र के खिलाफ बताया।
डरी हुई सरकार अपने मुद्दों से भाग रही है
कृष्णा पूनिया ने बयान दिया कि वर्तमान सरकार डरी हुई है और अपने मुद्दों से भाग रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सवालों का जवाब देने के बजाय सरकार सदन में चर्चा से बच रही है। पूनिया ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को जनता की समस्याओं की चिंता नहीं है और वे केवल सत्ता बचाने में लगे हैं।

विधायकों के निलंबन पर कांग्रेस का आक्रोश
हाल ही में छह विधायकों के निलंबन को लेकर भी कांग्रेस ने विरोध जताया है। कृष्णा पूनिया ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता इस निलंबन के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य कांग्रेस विधायकों की सराहना करते हुए कहा कि वे सरकार को जवाबदेह बनाने का काम कर रहे हैं।
सदन में बहस से बच रही है सरकार
पूनिया ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष के सवालों का सामना करने से डर रही है और इसीलिए वे सदन को सुचारू रूप से नहीं चलने देना चाहती। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार कम करने, पंचायती राज चुनाव कराने और युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही है।
फोन टैपिंग मामले में सरकार पर बड़ा आरोप
राज्य में फोन टैपिंग का मुद्दा भी तूल पकड़ रहा है। पूनिया ने कहा कि एक मंत्री ने स्वयं यह स्वीकार किया है कि उनका फोन टैप किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से इस पर जवाब मांगा लेकिन सरकार ने चुप्पी साध रखी है।
जनता तक पहुंचेगी यह आवाज
कृष्णा पूनिया ने जनता से अपील की कि वे सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को हर मंच से उठाएंगी और जनता की आवाज को दबने नहीं देंगी।
निष्कर्ष
राजस्थान में फोन टैपिंग का मामला राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया ने इस पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है और विधायकों के निलंबन को लोकतंत्र विरोधी करार दिया है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष की मांगों को कैसे संबोधित करती है।