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राजस्थान की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है, जहां किरण शेखावत ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) और पार्टी प्रमुख हनुमान बेनीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किरण का कहना है कि RLP के कार्यकर्ता महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि हनुमान बेनीवाल की सोशल मीडिया टीम ने उन्हें बदनाम करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रयास किया।

शहीद स्मारक पर धरना और ‘गुंडा तत्वों’ का आरोप
किरण शेखावत ने कहा कि शहीद स्मारक जैसे पवित्र स्थल पर कुछ ‘गुंडा प्रवृत्ति’ के लोग और नशेड़ी बैठे हैं, जो ईएसआई भर्ती जैसे संवेदनशील मुद्दों का मजाक बना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि धरने में बैठे लोगों का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है और वे सिर्फ अराजकता फैलाने के उद्देश्य से वहां मौजूद हैं।
ईएसआई भर्ती में महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी का आरोप
किरण शेखावत ने आरोप लगाया कि ईएसआई भर्ती से जुड़ी महिला अभ्यर्थियों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में उन्होंने पुलिस और प्रशासन के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। विधायकपुरी थाने में FIR भी दर्ज की गई है।
सोशल मीडिया पर फोटो एडिट कर बदनाम करने का आरोप
सबसे गंभीर आरोपों में से एक है कि किरण की तस्वीरों को एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। उन्होंने कहा कि RLP के लगभग 500 कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ ट्विटर और फेसबुक पर ट्रोलिंग की, जिससे उन्हें मानसिक आघात पहुंचा। किरण का कहना है कि यह सब योजनाबद्ध तरीके से किया गया, ताकि वे डर जाएं और आत्महत्या कर लें।
हनुमान बेनीवाल पर सीधा हमला
किरण शेखावत ने हनुमान बेनीवाल पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वह खुद को सुरक्षा घेरे में रखना चाहते हैं और लोकप्रियता हासिल करने के लिए ऐसे षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हनुमान बेनीवाल को एक गाड़ी आगे और एक गाड़ी पीछे चाहिए ताकि वे पुलिस सुरक्षा में चल सकें।”
किरण शेखावत ने कहा – अब मैं और मजबूत हूं
किरण ने कहा कि इस मानसिक प्रताड़ना से वे टूटने वाली नहीं हैं, बल्कि उन्हें और ताकत मिली है। उन्होंने कहा कि अब वे बच्चियों और महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई और मजबूती से लड़ेंगी। “मैं डरने वाली नहीं हूं। मैं हिम्मत वाली हूं और आवाज उठाती रहूंगी,” उन्होंने कहा।
आरएलपी कार्यकर्ताओं पर सामूहिक आरोप
किरण ने यह भी आरोप लगाया कि RLP के कई कार्यकर्ताओं ने उनकी इज्जत तार-तार करने की कोशिश की। उन्होंने संपत पूनिया नामक व्यक्ति पर भी आरोप लगाए, जो कथित तौर पर जोधपुर का हिस्ट्रीशीटर है और आरएलपी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने सोशल मीडिया पर गंदगी फैलाई और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
एफआईआर दर्ज करवाने की तैयारी
किरण ने कहा कि वे जल्द ही सौड़ा थाने में संपत पूनिया, हनुमान बेनीवाल और अन्य RLP पदाधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाएंगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में श्रवण कुमार डड़ी, कर्मराज बिजड़िया, खुशी चौधरी, कानू देवी, बुद्धराम दातवाल सहित कई लोगों के नाम सामने आ चुके हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों की सराहना
किरण शेखावत ने विधायकपुरी थाने के एसएचओ मीणा और आईपीएस अधिकारी राष्ट्रदीप की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने उनकी शिकायत को गंभीरता से लिया और भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

निष्कर्ष: महिला गरिमा का सवाल, प्रशासन से न्याय की मांग
किरण शेखावत के आरोप न केवल एक राजनीतिक विवाद को जन्म देते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं को आज भी ऑनलाइन ट्रोलिंग और सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ता है। अब देखना यह है कि प्रशासन और कानून इस मामले में कितनी निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई करता है।
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