बीकानेर जिले के नोखा तहसील के दय्या गांव में एक बड़े सोलर प्लांट प्रोजेक्ट के लिए खेजड़ी के सैकड़ों पेड़ काटे जाने की खबर सामने आई है। स्थानीय ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है।

मुख्यमंत्री के दौरे के बावजूद पेड़ों की कटाई
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस दिन मुख्यमंत्री बीकानेर में मौजूद थे, उसी रात 11 खेजड़ी के पेड़ काट दिए गए। ग्रामीणों के अनुसार, प्रशासन को इस कटाई की जानकारी पहले ही दे दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
खेजड़ी: राजस्थान का महत्वपूर्ण वृक्ष
खेजड़ी का राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति और पर्यावरण संतुलन में विशेष स्थान है। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि इसकी फलियां (सांगरी) भी राजस्थान के भोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। सांगरी की कीमत बाजार में 1000 रुपये प्रति किलो तक होती है।
ग्रामीणों का आंदोलन: 252 दिनों से धरना जारी
स्थानीय लोग पिछले 252 दिनों से इस मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। संघर्ष समिति के संयोजक रामगोपाल बिश्नोई के अनुसार, पिछले छह वर्षों में बीकानेर विश्वविद्यालय की रिपोर्ट के अनुसार पांच लाख से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं, जिससे तापमान में भी 5 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि दर्ज की गई है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और प्रशासन की लापरवाही
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, एक पेड़ की कटाई पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाना चाहिए, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
राजनीतिक असहमति और सरकार की चुप्पी
पर्यावरण प्रेमियों और ग्रामीणों ने कई बार सरकार को ज्ञापन सौंपे, लेकिन अभी तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।
आंदोलन तेज करने की तैयारी
आंदोलनकारियों ने घोषणा की है कि 3 अप्रैल को फड़ौदी बंद रहेगा और 11 अप्रैल को नागौर में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। यदि सरकार जल्द ही कोई कड़ा कानून नहीं लाती, तो इस आंदोलन को और भी बड़े स्तर पर ले जाया जाएगा।
ग्रामीणों की मांग
- सोलर प्लांट के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक लगे।
- पर्यावरण सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाए जाएं।
- जिन क्षेत्रों में पेड़ काटे गए हैं, वहां पुनः वृक्षारोपण कराया जाए।
- अधिकारियों की जवाबदेही तय हो।
जनता से अपील
पर्यावरण प्रेमियों ने राजस्थान की जनता से अपील की है कि इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और आने वाली पीढ़ियों के लिए इस धरती को हरा-भरा बनाए रखने में योगदान दें।