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क्या आप जानते हैं: जोधपुर का नाम कैसे पड़ा, एक बार मुगल शासक ने भी बदला था नाम, जानिए शहर की दिलचस्प कहानी

 जोधपुरः राजस्थान का जोधपुर शहर पर्यटन के लिए जाना जाता है। यहां किले, महल, मंदिर, हवेलियां और भी बहुत कुछ देखने लायक है। जिसके कारण लोग यहां खिंचे चले आते हैं। इसे ‘ब्लू सिटी’ भी कहा जाता है। जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। जोधपुर का नाम राठौड़ वंश के 15वें शासक और जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के नाम पर रखा गया था।

सूर्यनगरी जोधपुर की स्थापना 566 वर्ष पूर्व हुई थी। इसकी स्थापना 12 मई 1459 को राव जोधा ने मेहरानगढ़ किले की स्थापना के साथ की थी। उसी समय शहर का नाम जोधपुर रखा गया। यह शहर मेहरानगढ़ की तलहटी में स्थापित किया गया था। जिसके चारों ओर 9 मार्गों पर दरवाजे बनाये गये थे। ऐसा माना जाता है कि राव जोधा मंडोर के शासक थे। उस समय बढ़ती जनसंख्या और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने जोधपुर शहर को राजधानी के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया था। इसी उद्देश्य से जोधपुर को बसाने की योजना बनायी गयी।

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औरंगजेब ने जोधपुर का नाम बदल दिया
मुगल काल के दौरान औरंगजेब की नजर जोधपुर पर पड़ी। वह इस शहर को मुगलिया सल्तनत में मिलाना चाहता था। वर्ष 1678 में तत्कालीन महाराजा जसवन्त सिंह की अफगानिस्तान में एक मिशन के दौरान मृत्यु हो गयी। फिर उनके पुत्र अजीत सिंह को उत्तराधिकारी बनाया गया।

यह सब देखकर औरंगजेब ने जोधपुर पर आक्रमण करने की तैयारी की। यहां जजिया कर लागू किया गया। जोधपुर का नाम खिजराबाद घोषित किया गया। लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका. दुर्गादास राठौड़ ने औरंगजेब की सेना को हरा दिया। उन्होंने बालक अजीत सिंह को सुरक्षित रख कर जोधपुर का राजा बना दिया और जोधपुर प्रसिद्ध हो गया।

इसे ब्लू सिटी क्यों कहा जाता है?
मेहरानगढ़ किला जोधपुर शहर का सबसे बड़ा आकर्षण है। मुगलों ने इसे जीतने की बहुत कोशिश की, लेकिन कभी इस पर विजय नहीं पा सके। इसे अविजित किला कहा जाता है। यह किला लगभग पांच किलोमीटर तक फैला हुआ है, जो 125 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जोधपुर को ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

शहर में ब्रह्मपुरी के आसपास के क्षेत्र में बने मकानों का रंग आज भी नीला है। ऐसा कहा जाता है कि निर्माण के तुरंत बाद, दीवारों से मिट्टी खाने वाले एक कीड़े के कारण यहां के घर ढह जाते थे। उसे मारने के लिए उसे नीला रंग दिया गया. इससे अधिकतर घरों का रंग नीला हो गया।

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FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 12:32 IST

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