बीकानेर: राजस्थान में साइबर ठगों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। इस बार ठगों ने पुलिस अधिकारियों को ही निशाना बनाने की कोशिश की। उत्तराखंड के डीजीपी बनकर एक अज्ञात व्यक्ति ने बीकानेर के एसपी को कॉल किया और पैसों की मांग की। जैसे ही मामले की जांच हुई, बड़ा खुलासा हुआ कि कॉल करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से फर्जी था।

पुलिस अधिकारी भी ठगी के शिकार, तो आम जनता का क्या होगा?
अगर पुलिस अधिकारी भी इस तरह की ठगी से नहीं बच पा रहे हैं, तो आम जनता के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। यह मामला सामने आते ही सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है।
सोशल मीडिया पर ठगों का जाल, प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
हाल ही में सोशल मीडिया पर ठगी के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस अधिकारी, व्यापारी और आम लोग शिकार हो चुके हैं। इसी क्रम में बीकानेर जिले में उत्तराखंड पुलिस की टीम पहुंची और गंगाशहर थाना क्षेत्र में एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया।
कैसे हुआ खुलासा?
- अज्ञात व्यक्ति ने उत्तराखंड के डीजीपी बनकर बीकानेर एसपी को कॉल किया।
- पैसे मांगने के बाद एसपी को शक हुआ और उन्होंने नंबर की जांच कराई।
- जब नंबर की पड़ताल हुई, तो वह बीकानेर के गंगाशहर क्षेत्र से जुड़ा निकला।
- उत्तराखंड पुलिस ने बीकानेर पुलिस से संपर्क किया और संदिग्ध को हिरासत में लिया।
- अब तक 3-4 लोगों से पूछताछ जारी है और मामले की जांच हो रही है।
बीकानेर में ठगी का दूसरा मामला – 15 लाख की धोखाधड़ी
बीकानेर जिले के नोखा थाना क्षेत्र में भी एक बड़ी ठगी का मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने फर्जी पट्टे बनाकर 15 लाख रुपये हड़प लिए।
कैसे हुई ठगी?
- पीड़ित ने आरोपी से जमीन का पट्टा खरीदा।
- पैसे देने के बाद जब पीड़ित ने असली पट्टा मांगा, तो आरोपी ने फर्जी कागजात थमा दिए।
- जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
- पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।