चूरू महोत्सव का भव्य समापन कवि सम्मेलन के साथ
राजस्थान के चूरू जिले में आयोजित तीन दिवसीय चूरू महोत्सव का समापन बड़े धूमधाम के साथ हुआ। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण कवि सम्मेलन रहा, जिसमें कई प्रसिद्ध कवियों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं।

कार्यक्रम में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और सांसद राहुल कसवा की मौजूदगी ने माहौल को और भी खास बना दिया। दोनों नेताओं की मौजूदगी के दौरान मंच पर कवि जुबेर तबीस द्वारा पढ़ी गई एक शायरी ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया।
“कभी मेरी कुर्सी लगाया करता था, आज मेरी कुर्सी से कुर्सी लगाकर बैठा है”
कार्यक्रम के दौरान जब सांसद राहुल कसवा मंच पर पहुंचे, तो कवि जुबेर तबीस ने एक शेर पढ़ा:
“जो कभी मेरी कुर्सी लगाया करता था, वह बैठा है मेरी कुर्सी से कुर्सी लगाकर।”
इस शेर को राजनीतिक संदर्भ से जोड़ते हुए दर्शकों ने जमकर ठहाके लगाए और तालियां बजाईं। इस दौरान मंच पर मौजूद राजेंद्र राठौड़ और राहुल कसवा की नजरें आपस में नहीं मिलीं, लेकिन कवि ने अपनी शायरी के माध्यम से इस कमी को पूरा कर दिया।
महोत्सव में उमड़ा जनसैलाब, कवियों ने बांधा समा
तीन दिवसीय चूरू महोत्सव में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। कवि सम्मेलन में राजस्थान और देशभर के जाने-माने कवियों ने अपनी रचनाओं से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कवि लोकेश कुमार साहिल, अरुण जेमिनी, अमन अक्षर, जुबेर अली तबीस, विवेक पारिक और इति शिवहरे सहित कई अन्य प्रसिद्ध कवियों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं।
कार्यक्रम में पदम श्री देवेंद्र झाड़िया, जिला कलेक्टर अभिषेक सुराणा, एसपी जय यादव, जिला प्रमुख वंदना आर्य और विधायक हलाल सहारण सहित कई प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य लोग भी शामिल हुए।
राजस्थान की लोक संस्कृति का अद्भुत संगम
इस महोत्सव में चूरू और आसपास के क्षेत्र के लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिला। लोक नृत्य, संगीत, कविताएं और साहित्यिक चर्चाओं ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।
महोत्सव के दौरान राजस्थान की लोक संस्कृति, परंपराएं और भाषाई विविधता को दर्शाने वाले कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। विद्वानों और विशेषज्ञों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार साझा किए, जिससे युवाओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक होने का अवसर मिला।
अगली बार चूरू महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करने की योजना
इस आयोजन की सफलता को देखते हुए आयोजकों ने अगले साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे आयोजित करने की घोषणा की। इस वर्ष का चूरू महोत्सव राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया गया था, लेकिन अगले साल इसे और भव्य बनाने की योजना है।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा, “यह महोत्सव हमारी लोकसंस्कृति और साहित्य को सहेजने का एक बेहतरीन प्रयास है। अगली बार इसे और भी बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा।”
चूरू महोत्सव ने 18 साल बाद नई ऊंचाइयों को छुआ
गौरतलब है कि चूरू महोत्सव 18 साल बाद इतने बड़े स्तर पर आयोजित किया गया। इस महोत्सव ने चूरू शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को एकजुट करने का काम किया। जिला प्रशासन, नगरपालिका प्रशासन और अन्य प्रतिनिधियों के प्रयास से यह आयोजन बेहद सफल रहा।
कार्यक्रम के अंत में चूरू के जिला प्रशासन और नगर परिषद के अधिकारियों को इस आयोजन की सफलता के लिए धन्यवाद दिया गया।
निष्कर्ष
चूरू महोत्सव 2025 का यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें राजस्थान की लोकसंस्कृति, कला और साहित्य का अद्भुत संगम देखने को मिला। राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक जगत के कई दिग्गजों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया।
अगले वर्ष चूरू महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे यह महोत्सव और भी भव्य और शानदार होगा।