जयपुर के ढोड़सर गांव के रहने वाले 17 वर्षीय परमेश वर्मा ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से नया इतिहास रच दिया। 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले परमेश ने सांगलिया धूणी तक 100 किलोमीटर की दूरी महज 8 घंटे में पूरी की।

गांव से लेकर सांगलिया धूणी तक का सफर
परमेश वर्मा ने अपने गांव ढोड़सर से सांगलिया धूणी तक की दूरी तय करने के लिए लंबे समय से तैयारी कर रखी थी। यह उनका सपना था कि वे 100 किलोमीटर की दौड़ पूरी करें और अपनी काबिलियत साबित करें। इस दौड़ के दौरान उनकी हिम्मत और जज़्बे को देखकर गांव वालों और उनके दोस्तों ने भी उनका हौसला बढ़ाया।
9 साल की कड़ी मेहनत और 10 मेडल
परमेश पिछले 9 सालों से कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 10 से अधिक पदक जीते हैं। वे 21 किलोमीटर और 42 किलोमीटर जैसी लंबी दूरी की दौड़ों में भी कई बार प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं।
गांव में सुविधाओं की कमी, लेकिन हौसला बुलंद
परमेश का कहना है कि गांव में स्पोर्ट्स के लिए कोई सुविधाएं नहीं हैं। ना ही कोचिंग सेंटर हैं और ना ही अच्छी डाइटिंग की सुविधा, लेकिन देसी खान-पान और आत्मविश्वास की बदौलत वे आगे बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे हर दिन 25 से 30 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं, और कई बार 50 किलोमीटर तक भी दौड़ पूरी करते हैं।
सपना – ओलंपिक में मेडल जीतना
परमेश वर्मा का लक्ष्य है कि वे ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतें। वे इस मुकाम तक पहुंचने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। उनका अगला लक्ष्य 118 दिनों में 10,000 किलोमीटर की दौड़ पूरी करना है, ताकि वे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा सकें।
गांव में हुआ भव्य स्वागत
सांगलिया धूणी तक 100 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के बाद जब परमेश गांव लौटे, तो गांव वालों ने उनका भव्य स्वागत किया। सभी ने उनकी मेहनत की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
सरकार और समाज से अपील
परमेश के परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव के प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए सरकार को अधिक सुविधाएं देनी चाहिए। स्पोर्ट्स अकादमी और बेहतर कोचिंग की सुविधा मिलने से और भी युवा खिलाड़ी आगे बढ़ सकते हैं।
👉 यह उपलब्धि न केवल परमेश के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के लिए गर्व की बात है। 💪🚀

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