जयपुर में आयोजित विंटेज और क्लासिक कार एग्जीबिशन में इस बार ऐसी ऐतिहासिक गाड़ियां देखने को मिलीं, जिन्होंने लोगों को बीते जमाने की याद दिला दी। इस कार्यक्रम में 60 से 100 साल पुरानी कारों का भव्य प्रदर्शन किया गया, जहां कार प्रेमियों से लेकर आम जनता तक हर कोई इन गाड़ियों को देखने के लिए उमड़ पड़ा।

इस कार शो में भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग पहुंचे। शो में प्रदर्शित कई कारें कभी राजघरानों, सेना के अफसरों और ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की जाती थीं। इन कारों की खूबसूरती और बेहतरीन मेंटेनेंस ने सभी का दिल जीत लिया।
ऐतिहासिक गाड़ियों की झलक
इस शो में कई अनोखी और दुर्लभ गाड़ियां पेश की गईं। इनमें से सबसे ज्यादा चर्चा में रही ऑस्टिन 8 (1939 मॉडल), जिसे जयपुर के एक प्रतिष्ठित परिवार ने दशकों से संभाल कर रखा है। गाड़ी के मालिक ने बताया कि इसे मेंटेन करने में काफी समय और धन खर्च होता है, लेकिन यह उनके परिवार की धरोहर है। उन्होंने कहा कि इस कार का रखरखाव करना उनके लिए गर्व की बात है।
इसके अलावा, फोर्ड (1949 मॉडल) भी आकर्षण का केंद्र रही। बताया जाता है कि यह कार पहले भारतीय सेना के एक अफसर के पास थी और इसे युद्ध के समय इस्तेमाल किया गया था। इस कार को पूरी तरह से ओरिजिनल पार्ट्स के साथ बहाल किया गया है, जिससे यह अब भी शानदार स्थिति में है।
शो में एक और दिलचस्प गाड़ी थी 1963 की मॉरिस मिनी, जिसे लोग मिस्टर बीन की कार से जोड़कर देख रहे थे। यह कार अपने छोटे और अनोखे डिजाइन की वजह से हमेशा से लोकप्रिय रही है। इसके अलावा, फिएट 500 टोपोलिनो (1937 मॉडल) ने भी लोगों का ध्यान खींचा। बेबी पिंक रंग में चमचमाती इस कार का सबसे छोटा 500 सीसी इंजन लोगों को आकर्षित कर रहा था।
विदेशी दर्शकों ने भी की तारीफ
इस शो में कई विदेशी दर्शक भी पहुंचे, जिन्होंने इन विंटेज कारों की सराहना की। ब्रिटेन से आए एक पर्यटक ने कहा, “भारत में विंटेज कारों का यह कलेक्शन देखकर मैं हैरान हूं। यह कारें सिर्फ वाहन नहीं, बल्कि इतिहास का एक अहम हिस्सा हैं।”
एक अन्य विदेशी मेहमान ने कहा कि आधुनिक कारों में जो डिज़ाइन और कला की कमी दिखती है, वह इन विंटेज कारों में साफ झलकती है। उन्होंने कहा कि इन गाड़ियों को देखकर साफ समझ में आता है कि पुराने जमाने में कारों को कितनी बारीकी से डिजाइन किया जाता था।
विरासत को संजोने का प्रयास
इस शो का आयोजन विंटेज कारों को संरक्षित करने और लोगों को इनके इतिहास से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया था। आयोजकों का कहना था कि भारत में कई लोग अब भी पुरानी कारों को सहेजने का काम कर रहे हैं और यह शो उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया गया है।

यह एग्जीबिशन सिर्फ कार प्रेमियों के लिए नहीं, बल्कि इतिहास और कला में रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी एक अनूठा अनुभव रहा।