झलको राजस्थान, जयपुर – जयपुर के प्रताप नगर इलाके में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति तोड़ने की घटना ने प्रदेश में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। जाट और राजपूत समाज के लोग इस घटनाक्रम के खिलाफ सड़कों पर उतरे और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। यह घटना रविवार रात की है, जब कुछ असामाजिक तत्वों ने तेजाजी की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद दोनों समुदायों के लोग एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

मूर्ति तोड़ने पर जाट और राजपूत समाज का आक्रोश
वीर तेजाजी महाराज राजस्थान के प्रमुख लोक देवता माने जाते हैं। उनकी पूजा न केवल राजपूत समाज, बल्कि जाट समाज भी बड़े श्रद्धा भाव से करता है। ऐसे में उनकी मूर्ति पर हमला होना, दोनों समुदायों के लिए एक गहरे अपमान का कारण बन गया। स्थानीय लोगों ने मामले को गंभीरता से लिया और सड़क पर उतरकर विरोध जताया।
प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। बाद में श्री वीर तेजाजी महाराज के मंदिर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।
राजनीतिक नेताओं ने भी की कड़ी प्रतिक्रिया
यह घटना केवल स्थानीय स्तर तक ही सीमित नहीं रही। प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा, “जयपुर के प्रताप नगर में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति तोड़े जाने की घटना अत्यंत निंदनीय है। यह जन भावनाओं और आस्था के साथ खिलवाड़ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी ट्वीट करते हुए इस घटना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने लिखा, “वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति तोड़ना समाज में असंतोष फैलाने की साजिश है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री हनुमान बेनीवाल ने भी इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “यह असामाजिक तत्वों की हरकत है, जो समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हम इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
प्रशासन ने जारी किया अल्टीमेटम
घटना के बाद प्रशासन ने दोषियों को जल्दी से जल्दी पकड़ने का आश्वासन दिया है। पुलिस प्रशासन ने एक बयान में कहा, “हम इस मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़कर कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
कई घंटों तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा और स्थानीय लोगों ने सड़कें जाम कर दीं। स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। प्रशासन ने कहा कि यदि 12 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो आंदोलन और बढ़ सकता है।

समाज के प्रमुखों का बयान
राजपूत समाज के नेता महिपाल सिंह मकराना ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह सिर्फ मूर्ति को तोड़ने का मामला नहीं है, यह हमारी आस्था और विरासत पर हमला है। तेजाजी महाराज हम सभी के लोक देवता हैं। हम इस अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
महिपाल सिंह ने यह भी कहा कि इस घटना के बाद राजपूत और जाट समाज दोनों एकजुट हो गए हैं और वे हर हाल में तेजाजी महाराज की गरिमा की रक्षा करेंगे। उन्होंने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ा जाए।
मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मामले पर ट्वीट किया। उन्होंने कहा, “यह घटना समाज की शांति और भाईचारे को खतरे में डाल सकती है। प्रशासन को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को गिरफ्तार करना चाहिए।”
विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं, बल्कि हमारी आस्था और संस्कृति पर हमला है। प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए।”
आंदोलन का आगे का रास्ता
राजपूत और जाट समाज के नेता अब एकजुट होकर इस घटना के खिलाफ संघर्ष करने की बात कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द कार्रवाई करे और समाज की आस्थाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के हमलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
महिपाल सिंह मकराना ने कहा, “हम सभी समाज के लोग इस मामले को लेकर एकजुट हैं और जब तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा।”
निष्कर्ष: जयपुर में सांप्रदायिक सौहार्द की परीक्षा
वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति तोड़ने की घटना ने ना सिर्फ जयपुर बल्कि पूरे राजस्थान में एक नए विवाद को जन्म दिया है। जाट और राजपूत समाज के बीच एकजुटता की यह घटना प्रदेश के समाजिक सौहार्द पर सवाल उठा रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व इस मामले को कैसे संभालते हैं और क्या वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हैं या नहीं।