रात 8 बजे बंद होने चाहिए शराब के ठेके – लेकिन हकीकत कुछ और
राजस्थान सरकार के नियमों के अनुसार, राज्य में शराब की दुकानें (ठेके) शाम 8 बजे के बाद बंद हो जानी चाहिएं। लेकिन Jhalko Rajasthan की एक खास पड़ताल (Sting Operation) ने इन नियमों की धज्जियाँ उड़ती दिखाई। जयपुर के छोटवाड़ा इलाके में हमारे रिपोर्टर ने रात करीब 9:44 बजे जब जांच की, तो पाया कि शराब की बिक्री न केवल चालू थी, बल्कि खुलेआम हो रही थी।

स्टिंग ऑपरेशन की शुरुआत – ‘अरे भाई, एक बोतल दे दियो’
Jhalko Rajasthan की टीम ने आम ग्राहकों की तरह जाकर देखा कि कैसे दुकानें शटर के नीचे से बोतलें निकाल रही हैं। वीडियो में साफ दिखता है कि ग्राहक शटर के नीचे से पूछते हैं –
“अरे यहां मिल जाएगी क्या?”
“भाई, एक बोतल दे दियो।”
दुकानदार बिना झिझक के बोतल दे रहा है। पैसे की लेन-देन UPI से हो रही है और 180 रुपये की बोतल के लिए 200-260 रुपये तक लिए जा रहे हैं।
UPI से पेमेंट, स्कैन करो – और बोतल लेकर चलो!
शराब विक्रेता अब पहले से ज्यादा चालाक हो गए हैं। वीडियो में दिखाया गया कि ग्राहक बोतल खरीदने के लिए QR कोड स्कैन करते हैं और तुरंत शराब थमा दी जाती है।
“ऑनलाइन कर दे भाई, फटाफट स्कैन कर।”
यानी, शराब की अवैध बिक्री अब डिजिटल हो गई है – और वो भी पुलिस की मौजूदगी में!
पुलिस का रवैया – मूकदर्शक बनी रही कानून की रक्षक
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस वक्त यह सब हो रहा था, उसी समय पुलिस की गाड़ी भी मौके पर मौजूद थी। पुलिसकर्मी कुछ बोले बिना आगे बढ़ गए।
“पुलिस वाला आया, थैला देखा, और चला गया।”
यह साफ इशारा करता है कि या तो पुलिस को इसकी जानकारी है, या फिर वह इस सबमें मिलीभगत कर रही है।
नियमों का उल्लंघन – हर जगह जारी है गोरखधंधा
Jhalko Rajasthan की रिपोर्ट के अनुसार, यह कोई एक ठेके की बात नहीं है। जयपुर में कई ऐसे इलाके हैं जहां रात 8 बजे के बाद भी शराब की बिक्री खुलेआम होती है। ठेके बंद दिखाए जाते हैं लेकिन शटर के नीचे से या बगल की खिड़कियों से ग्राहकों को शराब दी जाती है। कुछ जगहों पर ग्राहक कहते दिखे:
“हां मडवा यार, ये तो भीड़ है हट।”
“260 किया मैंने भाई, आओ बढ़िया मिल जाए।”
ज्यादा कीमत, कम समय – ग्राहक भी मजबूर या सहमति में?
ठेकों पर शराब की कीमत तय होती है लेकिन यहां ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं। 180 रुपये की बोतल के बदले 200 से 260 रुपये तक लिए गए। भीड़ होने के बावजूद लोग पैसा देकर शराब खरीद रहे थे। कहीं न कहीं, यह दर्शाता है कि लोगों को इस गैरकानूनी व्यवस्था की जानकारी है और वे इसे सहजता से स्वीकार भी कर चुके हैं।

प्रशासन से सवाल – क्या कोई कार्रवाई होगी?
अब सवाल ये उठता है कि जब इतनी बड़ी लापरवाही सामने आई है, तब क्या प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा?
- क्या इन ठेकेदारों पर जुर्माना लगेगा?
- क्या पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच होगी?
- क्या सरकार इस अवैध शराब बिक्री पर सख्त कार्रवाई करेगी?
Jhalko Rajasthan की अपील – नियमों का पालन अनिवार्य
Jhalko Rajasthan मीडिया की तरफ से प्रशासन और आम जनता से अपील है कि इस तरह के नियम उल्लंघन को नजरअंदाज न किया जाए।
नियम सबके लिए बराबर हैं।
कानून की रक्षा तभी संभव है जब सब उसका पालन करें।
निष्कर्ष: शराब की बोतल पाना रात 10 बजे भी कोई मुश्किल नहीं
इस स्टिंग ऑपरेशन से यह साफ हो गया कि जयपुर जैसे बड़े शहर में भी शराब बिक्री पर कोई सख्त नियंत्रण नहीं है। नियमों का सिर्फ दिखावा हो रहा है और असलियत में ठेके 8 बजे के बाद भी मुनाफा कमाने में जुटे हैं।
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