अमेरिका में वैज्ञानिक समुदाय गहरी चिंता में है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने वैज्ञानिक शोध और एजेंसियों के बजट में भारी कटौती का प्रस्ताव रखा है। इससे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH), फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं के कामकाज पर बड़ा असर पड़ सकता है।
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अमेरिका में वैज्ञानिक समुदाय इस समय गहरी चिंता में है क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रमुख एजेंसियों के बजट में भारी कटौती का प्रस्ताव रखा है। इस फैसले से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH), फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) और नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) जैसी संस्थाओं पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यह कटौती ट्रिलियन डॉलर तक हो सकती है, जिससे कैंसर, अल्जाइमर और अन्य बीमारियों पर चल रहे शोध प्रभावित होंगे। इसके अलावा, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर चल रही रिसर्च भी बाधित हो सकती है। NOAA की मौसम और जलवायु भविष्यवाणी सेवाओं पर भी इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
वैज्ञानिक समुदाय और शोधकर्ता इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की अपील कर रहे हैं। वे मानते हैं कि इस कटौती से अमेरिका की वैज्ञानिक उपलब्धियों और नवाचारों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस फैसले की आलोचना हो रही है, क्योंकि अमेरिका में विज्ञान क्षेत्र की गिरावट का असर वैश्विक स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी रिसर्च पर भी पड़ सकता है। अगर यह कटौती लागू होती है, तो अमेरिका की वैज्ञानिक नेतृत्व क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे यूरोप और चीन जैसे देश विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में आगे निकल सकते हैं।