फर्जीवाड़े का नया खुलासा
मोनिका जाट के बाद, एक और फर्जी तरीके से दो सितारे पाने वाला एसआई वीरेंद्र मीणा एसओजी की गिरफ्त में आ चुका है। वीरेंद्र मीणा ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा पास की थी। इस फर्जीवाड़े में ₹5 लाख की डील की गई थी।

फर्जीवाड़े का तरीका
मीणा ने खुद के स्थान पर ओम प्रकाश विश्नोई को परीक्षा में बैठाया, जो कि बाड़मेर के एक वरिष्ठ विद्यालय में व्याख्याता हैं। एसओजी ने इस गोरखधंधे का पर्दाफाश किया और वीरेंद्र मीणा को भरतपुर से गिरफ्तार किया।
टीचर्स की भी गिरफ्तारी
एसओजी की जांच में दो और अध्यापकों को भी गिरफ्तार किया गया। देवाराम, जालौर से और प्रवीण कुमार, बाड़मेर से। दोनों ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2021-22 में विज्ञान विषय के लिए आवेदन किया था और डमी कैंडिडेट्स की मदद से परीक्षा पास की।
मोनिका जाट का मामला फिर चर्चा में
एसओजी ने मोनिका जाट की बीए डिग्री को भी संदिग्ध मानते हुए जांच शुरू कर दी है। मोनिका को 100 में से 100 अंक मिलने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
क्यों फेल हो रही है परीक्षा प्रणाली?
फर्जीवाड़े की बढ़ती घटनाओं से राज्य की परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एसओजी अब इन सभी मामलों की जांच में जुटी है ताकि मेहनती और योग्य उम्मीदवारों के साथ न्याय हो सके।
निष्कर्ष
इस घटना ने राज्य में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े की पोल खोल दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार दोषियों के खिलाफ कितनी सख्त कार्रवाई करती है।