राजनीति में बेबाकी से बोले श्याम तिवारी
डूंगरगढ़ के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक श्याम तिवारी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में राजस्थान की राजनीति, भ्रष्टाचार, और विकास जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर, निजी जीवन और भविष्य की योजनाओं को लेकर भी महत्वपूर्ण बातें साझा कीं।

🔷 भ्रष्टाचार पर तीखा हमला
श्याम तिवारी ने कहा कि आज राजस्थान में हर विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। नगर पालिका से लेकर उच्च अधिकारियों तक, हर स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उन्हें मौका मिले तो वे इस सिस्टम के खिलाफ भूख हड़ताल जैसे कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
“भ्रष्टाचार डूंगर में चरम सीमा तक है, नगर पालिका में कोई भी देख लो, सब जगह हालात एक जैसे हैं,” — श्याम तिवारी
🔷 वसुंधरा राजे को बताया ‘वीर सुंदरी रानी’
राजनीति में महिलाओं की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान में अगर कोई एक ताकतवर महिला नेता हैं, तो वह हैं वसुंधरा राजे। उन्होंने उन्हें ‘वीर सुंदर रानी’ की उपाधि दी और कहा कि वह आज भी उनके प्रति सम्मान रखते हैं।
🔷 प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा था पत्र
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम एक पत्र लिखा था, जिसमें डूंगरगढ़ की जमीनी राजनीति और समस्याओं पर चिंता जताई गई थी। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इस पत्र का कोई औपचारिक उत्तर उन्हें नहीं मिला।
🔷 डूंगरगढ़ के विकास पर चिंता
श्याम तिवारी ने कहा कि डूंगरगढ़ क्षेत्र में अभी भी बिजली और पानी की भारी कमी है, जिसकी वजह से उद्योगों का विकास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा है कि क्षेत्र में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बने।
“डूंगरगढ़ में नवयुवकों के लिए कोई खेलकूद की सुविधा नहीं है। मेरी इच्छा है कि एक राज्य स्तरीय स्टेडियम बने,” — श्याम तिवारी
🔷 मूंगफली और तिल की फैक्ट्री लगाने की योजना
उन्होंने बताया कि डूंगरगढ़ में मूंगफली और तिल की पैदावार बहुत अधिक होती है। यदि उन्हें अवसर मिला तो वे मूंगफली और तिल से संबंधित प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का प्रयास करेंगे ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और क्षेत्र का आर्थिक विकास हो।
🔷 90 साल की उम्र में भी स्वस्थ
श्याम तिवारी ने अपनी दिनचर्या के बारे में बताया कि वे रोज सुबह राबड़ी, चाच और बिस्कुट खाते हैं और शाम को दलिया, दूध और दो रसगुल्ला खाते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा सादा जीवन जिया है और आज भी गायों के बीच रहते हैं।
“आज भी मैं गायों के बीच रहता हूं, यही मेरी ताकत है। मैं चार बार जिला अध्यक्ष, तीन बार विधायक और दो बार चेयरमैन रह चुका हूं,” — श्याम तिवारी
🔷 युवा नेताओं को सलाह
इंटरव्यू के अंत में उन्होंने कहा कि आजकल के नेता जैसे ही किसी पद पर आते हैं, लोगों से दूरी बना लेते हैं और अपने जीवन स्तर को बदल लेते हैं। जबकि असली नेता वह होता है जो जनता के बीच रहकर उनके सुख-दुख में साथ दे।
निष्कर्ष:
श्याम तिवारी की यह बातचीत न सिर्फ एक वरिष्ठ नेता के विचारों को सामने लाती है बल्कि राजस्थान की राजनीति और स्थानीय समस्याओं की हकीकत को भी उजागर करती है। उनके अनुभव और विचार आने वाले चुनावों में जनता को सोचने पर मजबूर कर सकते हैं।
