Jhalko Rajasthan | चूरू – चूरू जिले की राजनीति में एक बार फिर पंचायत समिति के परिसीमन को लेकर हलचल मच गई है। राजगढ़ तहसील क्षेत्र के चांदगोटी गांव को पंचायत समिति मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर 24 ग्राम पंचायतों के सरपंच, बीडीसी, डीडीसी और सैकड़ों ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ से मिला।
ग्रामीणों ने चांदगोटी को पंचायत समिति के लिए भौगोलिक रूप से उपयुक्त, सुविधायुक्त, और जनता की भावनाओं के अनुरूप बताते हुए इसे यथावत बनाए रखने की पुरजोर अपील की।

राजेंद्र राठौड़ से मिले सैकड़ों ग्रामीण, जताई चांदगोटी को पंचायत समिति बनाने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि चांदगोटी गांव चारों तरफ से सटी हुई पंचायतों के लिए बिल्कुल सेंट्रल लोकेशन पर स्थित है। राजगढ़ से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चांदगोटी के आसपास की 24 पंचायतें चांदगोटी को ही उपयुक्त मानती हैं।
इस अवसर पर सरपंचों और जनप्रतिनिधियों ने एक सुर में कहा,
“हमने सपना देखा है चांदगोटी को पंचायत समिति बनते हुए। हमारे पास संसाधन हैं, ज़मीन है, और सबसे बड़ी बात – हमारी एकजुटता है।”
दो बार गिर चुका है अशोक गहलोत का हेलीकॉप्टर, चांदगोटी ने ही बचाया – ग्रामीणों का दावा
एक दिलचस्प घटनाक्रम का ज़िक्र करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि
“दो बार अशोक गहलोत जी का हेलीकॉप्टर चांदगोटी क्षेत्र में गिरा, और दोनों बार स्थानीय लोगों ने ही उनकी मदद की।”
यह घटना ग्रामीणों की भावनाओं और चांदगोटी की भू-राजनीतिक पहचान को दर्शाती है।
चांदगोटी में हैं सभी सुविधाएं – मार्केट, कॉलेज, सड़क, बिजली, पानी
ग्रामीणों ने बताया कि चांदगोटी में पहले से ही एक बड़ा बाजार, कृषि महाविद्यालय, सड़क नेटवर्क, बिजली उपकेंद्र, और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां तक कि आसपास के गांवों के लोग रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए चांदगोटी पर ही निर्भर रहते हैं।
बीडीसी सदस्य धर्मवीर पूनिया ने बताया,
“चांदगोटी हर पंचायत के व्यक्ति का कम से कम एक चक्कर लग ही जाता है। यहां मार्केट है, एजुकेशन है, और गांवों से कनेक्टिविटी भी है।”
सरपंचों और जनप्रतिनिधियों की एकजुटता, 100% समर्थन का दावा
चांदगोटी को पंचायत समिति बनाए जाने को लेकर वहां के 25 ग्राम पंचायतों के सरपंच एकमत नजर आए। उनका कहना है कि परिसीमन में जो प्रस्तावित स्थिति है, वह जैसी है वैसी ही रखी जाए।
पूर्व सरपंच बलवीर सिंह ने कहा,

“हम जागे हुए हैं, सोए नहीं हैं। अगर कोई बना सकता है तो सिर्फ राजेंद्र राठौड़ ही बना सकते हैं। हम पूरी तरह उनके साथ हैं।”
अमीरवास को लेकर जताई आपत्ति, चांदगोटी को ज्यादा उपयुक्त बताया
कुछ लोगों द्वारा अमीरवास को पंचायत समिति बनाने की आपत्ति कलेक्टर के समक्ष दर्ज करवाई गई थी। इसके जवाब में चांदगोटी समर्थकों का कहना है कि अमीरवास ना तो सेंट्रल लोकेशन में है और ना ही वहां पर पर्याप्त संसाधन हैं।
ग्रामीणों ने कहा,
“जो व्यक्ति त्रिपाली से अमीरवास जाएगा, वह सीधा राजगढ़ चला जाएगा। अमीरवास में तो सब्जी की दुकान तक नहीं है।”
वीरों की धरती है चांदगोटी – शहीदों की मौजूदगी का किया ज़िक्र
सेना से जुड़े ग्रामीणों ने बताया कि चांदगोटी और आसपास के क्षेत्रों में सैनिकों और शहीदों की लंबी परंपरा रही है। तीन पीढ़ियों से फौजी परिवार वहां निवास करते हैं।
“अगर यहां एक बड़ी सीएसडी कैंटीन भी खोल दी जाए तो आसपास के सैनिकों को राजगढ़ नहीं जाना पड़ेगा।”
निष्कर्ष: चांदगोटी ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प
सभी वक्ताओं और जनप्रतिनिधियों की एक राय है कि भौगोलिक स्थिति, संसाधनों की उपलब्धता, और जनता की भावनाओं को देखते हुए चांदगोटी को पंचायत समिति का मुख्यालय बनाना सबसे उचित और व्यावहारिक निर्णय होगा।
राजेंद्र राठौड़ पर ग्रामीणों ने जताया पूर्ण विश्वास,
“हमें भरोसा है, अगर कोई पंचायत समिति बनवा सकता है तो वो सिर्फ राठौड़ साहब हैं।”
- चूरू की जनता के प्यार पर बोले Rajendra Rathore, विरोधियों को दिया करारा जवाब
- शादी के 14 साल बाद बने थे जुड़वां बच्चों के पिता, हेलिकॉप्टर हादसे ने छीन ली जिंदगी
- जोधपुर से जयपुर तक गरमाया Resident Doctor विवाद, Nirmal Choudhary ने क्या कहा?
- बीकानेर में पीले पंजे की कार्रवाई पर NSUI अध्यक्ष रामनिवास कूकणा का विरोध प्रदर्शन
- बीकानेर में तांत्रिकों का खुला भंडाफोड़: झाड़-फूंक की आड़ में चल रहा था बड़ा खेल