विधानसभा चुनावों से पहले चुनाव अधिकारियों की व्यापक ट्रेनिंग: CEC ज्ञानेश कुमार ने दिए अहम निर्देश
झलको राजस्थान | नई दिल्ली

भारत निर्वाचन आयोग ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत एक विशेष कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने किया। यह प्रशिक्षण दिल्ली स्थित भारत अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र एवं निर्वाचन प्रबंधन संस्थान में संपन्न हुआ, जिसमें बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के ईआरओ (Electoral Registration Officers) और बीएलओ (Booth Level Officers) ने भाग लिया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य: बेहतर और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निर्वाचक नामावली को अद्यतन और पारदर्शी बनाना, मतदाता पंजीकरण प्रक्रियाओं में सुधार लाना, और ईवीएम तथा मतदाता ऐप्स के बेहतर उपयोग के लिए अधिकारियों को तैयार करना था।
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि ईआरओ, बीएलओ और बीएलए (Booth Level Agents) की जिम्मेदारी है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम 1960 के अनुसार मतदाता सूची को सही ढंग से तैयार करें और उसमें सुधार करें।
भागीदारी और सत्र का स्वरूप
इस मिश्रित प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 369 अधिकारी शामिल हुए। CEC ने बताया कि यह प्रशिक्षण विशेष रूप से मतदाता पंजीकरण फॉर्म्स, ईवीएम और वीवीपैट (VVPAT) की तकनीकी जानकारी, और फील्ड लेवल कार्यान्वयन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
शामिल विषय:
- फॉर्म 6, 6के, 7 और 8 भरने की व्यवहारिक प्रक्रिया
- घर-घर सर्वेक्षण की भूमिका
- कैश स्टडी और रोल-प्ले
- बीएलओ ऐप और मतदाता हेल्पलाइन ऐप का उपयोग
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 24 के तहत अपील की प्रक्रिया
प्रशिक्षण का तकनीकी पक्ष
अधिकारियों को ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का तकनीकी प्रदर्शन दिखाया गया, और उनका व्यवहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। प्रशिक्षण में यह सुनिश्चित किया गया कि अधिकारी किसी भी तकनीकी या सूची से संबंधित त्रुटि को पहचान सकें और उसका समाधान कर सकें।
इसके अलावा, राष्ट्रीय स्तर के मास्टर ट्रेनर (NLMTS) और निर्वाचन आयोग के आईटी तथा ईवीएम विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण सत्रों का संचालन किया। यह सत्र परस्पर संवादात्मक (Interactive) था, जिससे अधिकारी अपनी जमीनी समस्याएं भी साझा कर सके।
अपील प्रक्रिया की जानकारी
प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों को यह भी बताया गया कि प्रकाशित अंतिम निर्वाचक नामावली में किसी भी प्रकार की आपत्ति या अपील को जिला मजिस्ट्रेट (DM) या राज्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के समक्ष दर्ज किया जा सकता है।
बता दें कि 6 से 10 जनवरी 2025 के बीच विशेष संक्षिप्त पुन: निरीक्षण (Special Summary Revision – SSR) के दौरान किसी भी राज्य से कोई अपील प्राप्त नहीं हुई थी।

लोकतांत्रिक मजबूती की दिशा में एक कदम
CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी दक्षता को बढ़ाने के लिए है, बल्कि यह भारत के लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने की दिशा में भी एक अहम प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से अधिकारी जमीनी स्तर पर चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रभावी बना सकेंगे।
निष्कर्ष: मतदाता और लोकतंत्र को मजबूत करने की तैयारी
निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण आगामी बिहार, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि भारत का लोकतंत्र मजबूत और भरोसेमंद बना रहे।
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