झलको राजस्थान | 31 मई 2025 | चूरू
राजस्थान के चूरू जिले के सरदारशहर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के ही पार्षदों ने अब अपनी ही पार्टी के सभापति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खबर है कि इन बागी पार्षदों ने कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है।

यह राजनीतिक घटनाक्रम विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के आंतरिक मतभेदों और गुटबाजी को उजागर करता है, जिससे आने वाले समय में सरदारशहर की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है।
BJP पार्षद कांग्रेस के संपर्क में, कलेक्टर से की मुलाकात
सूत्रों के अनुसार, भाजपा का एक बागी पार्षद कांग्रेस नेताओं के साथ कलेक्टर से मिलने पहुंचा। कांग्रेस नेता अनिल शर्मा के नेतृत्व में यह मुलाकात हुई, जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षद शामिल थे। बताया जा रहा है कि यह मुलाकात सभापति को हटाने की रणनीति का हिस्सा है।
अंदरखाने की खबर है कि पार्षद विधानसभा चुनाव के बाद से ही असंतुष्ट चल रहे थे और अब वे पूरी तरह से पार्टी लाइन से हटकर काम कर रहे हैं।
सभापति को हटाने की तैयारी में भाजपा खुद
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा की ओर से ही अब अपने बागी पार्षद को हटाने की रणनीति बनाई जा रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है ताकि पार्टी की छवि को और नुकसान न पहुंचे और अनुशासन बना रहे।
चूरू में बस स्टैंड को लेकर व्यापारी आंदोलन में उतरे
चूरू शहर में नई पार्किंग व्यवस्था और केंद्रीय बस स्टैंड की शुरुआत को लेकर भी बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। शहर के सैकड़ों व्यापारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए नई व्यवस्था को यथावत रखने की मांग की है।
व्यापारियों का कहना है कि पुराने बस स्टैंड के कारण शहर में रोजाना जाम लगता था, लेकिन केंद्रीय बस स्टैंड के शुरू होने से यह समस्या दूर हो गई है। उन्होंने जिला कलेक्टर अभिषेक चुराड़ा के निर्णय की सराहना की है।
पुराना बस स्टैंड बना ट्रैफिक जाम का कारण
व्यापारियों ने बताया कि पुराना बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के सामने की जगह पर बड़े वाहनों के कारण रोज ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती थी। अब नए बस स्टैंड पर पूरी जगह और सुविधाएं उपलब्ध हैं, इसलिए इस व्यवस्था को बरकरार रखा जाए।
21 अप्रैल से ही पुराने बस स्टैंड से बसों का संचालन बंद कर दिया गया है और यह निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया है।

शिक्षकों की भीषण गर्मी में पदयात्रा | जयपुर में बड़ा प्रदर्शन
राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) के बैनर तले चूरू, सीकर और झुंझुनू जिलों के सैकड़ों शिक्षक 11 सूत्री मांगों को लेकर भीषण गर्मी में जयपुर के लिए पदयात्रा कर रहे हैं। यह पदयात्रा 2 जून को जयपुर में बड़े प्रदर्शन के रूप में परिवर्तित होगी।
शिक्षकों की प्रमुख मांगों में स्थानांतरण नीति लागू करना, ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) को बहाल करना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा, रिक्त पदों पर भर्ती और शिक्षा विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप पर रोक लगाने जैसी मांगे शामिल हैं।
गोविंद सिंह डोटासरा का सरकार पर हमला
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षकों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि “जो भविष्य को संवारने वाले हैं, उन्हें खुद सड़क पर उतरकर संघर्ष करना पड़ रहा है। यह सरकार की नाकामी का प्रमाण है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उच्च अधिकारियों से अपील की कि शिक्षकों की मांगों को मानवीय दृष्टिकोण से सुना जाए और जल्द समाधान किया जाए।
निष्कर्ष: चूरू जिले की राजनीति और सामाजिक हलचल तेज
चूरू जिले में राजनीतिक बगावत, नई प्रशासनिक व्यवस्थाएं और शिक्षक आंदोलनों ने जिले की राजनीति और सामाजिक स्थिति को गर्मा दिया है। सरदारशहर में भाजपा पार्षदों की बगावत आने वाले समय में बड़ा तख्तापलट ला सकती है, वहीं चूरू शहर में व्यापारियों का समर्थन प्रशासन के लिए राहत की बात है।
शिक्षकों की मांगें भी सरकार के लिए अग्निपरीक्षा बन सकती हैं। देखना यह है कि आने वाले दिनों में सरकार इन चुनौतियों से कैसे निपटती है।
- बीकानेर में पीले पंजे की कार्रवाई पर NSUI अध्यक्ष रामनिवास कूकणा का विरोध प्रदर्शन
- बीकानेर में तांत्रिकों का खुला भंडाफोड़: झाड़-फूंक की आड़ में चल रहा था बड़ा खेल
- राजेन्द्र राठौड़ का बड़ा ऐलान: चूरू के किसानों को 312 करोड़ की सौगात
- जयपुर में स्वच्छ भारत अभियान की उड़ती धज्जियां: जिम्मेदार कौन?
- चूरू की सरकारी स्कूल की बेटियों ने रचा इतिहास, उम्मीद से ज्यादा नंबर लाकर जीती फ्री हवाई यात्रा