बीकानेर। जातीय जनगणना की मांग को लेकर देशभर में चर्चा चल रही है, और इसी संदर्भ में बीकानेर जिले में यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने अनोखा प्रदर्शन किया। जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में एकत्रित हुए युवाओं ने राहुल गांधी के पुतले का दूध से अभिषेक कर उनके प्रति आभार जताया और जातीय जनगणना के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया।

जातीय जनगणना को लेकर राहुल गांधी की भूमिका को बताया अहम
प्रदर्शन कर रहे यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का कहना था कि राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से ही जातीय जनगणना की जोरदार मांग की है। उन्होंने संसद में भी इस मुद्दे को कई बार उठाया, जिसे सरकार ने पहले नजरअंदाज किया, लेकिन अब हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में जातीय जनगणना को जरूरी माना गया है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राहुल गांधी के दबाव के कारण ही सरकार अब इस दिशा में कदम बढ़ा रही है, और इस पूरे बदलाव का सबसे बड़ा श्रेय राहुल गांधी को जाना चाहिए।
दूध से अभिषेक कर जताया आभार
बीकानेर में यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के प्रतीकात्मक पुतले को दूध से स्नान कराया और उनकी लंबी उम्र की कामना की। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन किसी विरोध के लिए नहीं, बल्कि समर्थन और आभार प्रकट करने के लिए किया गया है।
यूथ कांग्रेस के नेताओं ने कहा,
“हमने राहुल गांधी जी के नेतृत्व में जातीय जनगणना जैसे ऐतिहासिक फैसले को समर्थन देने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया है। यह हमारे लिए गर्व का विषय है।”
देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, राहुल गांधी के संदेश पर देश के सभी जिला मुख्यालयों पर यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई ने एक साथ प्रदर्शन किया। उनका मानना है कि जातीय जनगणना से देश की सामाजिक संरचना और आरक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, और वंचित वर्गों को न्याय मिल सकेगा।
एक कार्यकर्ता ने कहा:
“1931 के बाद से आज तक जातीय जनगणना नहीं हुई है। यह समय की मांग है कि हम जानें कि देश में कौन कितनी संख्या में है और किसे कितना प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।”
पहलगांव आतंकी हमले पर केंद्र सरकार पर हमला
प्रदर्शन के दौरान कुछ युवाओं ने पहलगांव में हुए हालिया आतंकी हमले को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि केवल बयानों से कुछ नहीं होगा, अब कार्रवाई का समय है।
उनका कहना था:

“26 जवान शहीद हो गए हैं और सरकार सिर्फ बयानबाजी कर रही है। हमें पाकिस्तान को करारा जवाब देना चाहिए, ताकि शहीदों की आत्मा को शांति मिल सके।”
सरकार की चुप्पी पर उठे सवाल
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब 1971 में इंदिरा गांधी ने 80,000 पाक सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया था, तब भारत ने अपनी शक्ति का परिचय दिया था। आज भी जरूरत है कि भारत उसी मजबूती से आतंक के खिलाफ कार्यवाही करे।
एक वक्ता ने कहा:
“बातों से देश नहीं चलता, अब सरहद पर जवाब देने का वक्त है। हमारी सेना सक्षम है, उसे खुली छूट मिलनी चाहिए।”
जातीय जनगणना से सामाजिक न्याय की उम्मीद
प्रदर्शनकारियों का मानना है कि जातीय जनगणना से वंचित वर्गों को उनकी वास्तविक हिस्सेदारी मिल पाएगी। इस प्रकार का आंकड़ा सार्वजनिक होने पर सरकारें नीतियां अधिक पारदर्शिता और वास्तविकता के आधार पर बना सकेंगी।
उन्होंने कहा,
“ओबीसी, एससी, एसटी और अन्य वर्गों के लोग आज भी इस बात से अनजान हैं कि उनकी जनसंख्या कितनी है और उन्हें कितना हक मिलना चाहिए। यह जनगणना उनके लिए भविष्य का रास्ता खोलेगी।”
निष्कर्ष
बीकानेर में यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई द्वारा किया गया यह प्रदर्शन न सिर्फ राहुल गांधी के समर्थन में था, बल्कि यह संदेश भी था कि युवा अब सामाजिक न्याय और पारदर्शिता की राजनीति की मांग कर रहे हैं। जातीय जनगणना जैसे मुद्दे केवल आंकड़े नहीं, बल्कि अधिकार और प्रतिनिधित्व के प्रतीक बन चुके हैं।
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